santoshi mata ke vrat me kya khana chahiye कोनसी 3 चीजे हैं जिन्हें शुक्रवार को भूलकर भी नहीं खानी चाहिए

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santoshi mata ke vrat me kya khana chahiye :- संतोषी माता को बहुत ही शांत और सौम्य स्वभाव की देवी माना जाता है। संतोषी माता बहुत जल्दी प्रसन्न होती हैं और सच्ची श्रद्धा से उनका व्रत करने से जातक की मनोकामना जरूर पूर्ण करती हैं। लेकिन उनके व्रत का पालन करते समय इस जातक को अपने भोजन पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

ऐसा माना जाता हैं की संतोषी माता को खट्टे से बहुत नफरत है इसलिए इस दिन खट्टी वस्तुओं को खाना और छूना भी नहीं चाहिए। अगर हो सके तो घर के किसी भी सदस्य को इस दिन खट्टे का सेवन नहीं करना चाहिए। इस पोस्ट में हम पढ़ेंगे की संतोषी माता के व्रत के दिन क्या खाना चाहिए और क्या खाना वर्जित है।

santoshi mata ke vrat me kya khana chahiye

अगर आप शारीरिक रूप से स्वस्थ और सक्षम हैं तो संतोषी माता का शुक्रवार का व्रत फलाहार पर ही करें। लेकिन आप अस्वस्थ हैं या किसी और कारण से पूरे दिन भूखे नहीं रह सकते तो संतोषी माता के व्रत में शाम को पूजा अर्चना के बाद भोजन केवल एक बार ही किया जा सकता है। तो आइए जानते हैं की दिन में कौन कौन से फल आप खा सकते हैं और शाम की भोजन में क्या क्या पकवान बनाएं।

संतोषी माता के व्रत के दिन क्या खाना चाहिए

व्रत के दिन हमें भरपेट फल आदि नहीं खाने चाहिए वरना व्रत करने का महत्व ही खत्म हो जाता है। दिन में थोड़ा थोड़ा फलाहार, मखाने आदि लेते रहें जिससे आपके शरीर को ऊर्जा भी मिलती रहे।

  • दूध – चाय / कॉफी :- संतोषी माता के व्रत के दिन स्नान आदि करने के बाद आप दिन की शुरुवात चाय कॉफी आदि से कर सकते हैं। जो लोग चाय नहीं पीते वो दूध का सेवन भी कर सकते हैं।
  • साबूदाना :- दिन के 9 10 बजे जब थोड़ी भूख महसूस होने लगे तो आप साबूदाने की खीर, मूंगफली, मखाने आदि खा सकते हैं।
  • फल :- व्रत में दोपहर 12 से 2 बजे का समय फलाहार के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। संतोषी माता के व्रत में खट्टे फल नहीं खाये जाते हैं। संतोषी माता के व्रत में केला, चीकू, सेव, सीताफल आप खा सकते हैं।
  • गुड चन्ना :- शाम को 3,4 बजे आप चाय कॉफी पी सकते हैं और गुड और चन्ना आदि खा सकते हैं।

संतोषी माता के व्रत में शाम को क्या खाना चाहिए

शाम को संतोषी माता की पूजा अर्चना करने के बाद आप अगर करना चाहें तो एक बार भोजन कर सकते हैं। इस भोजन में आप अन्न को शामिल कर सकते हैं। व्रत में सामान्यतया शुद्ध सात्विक मीठा और नमक रहित भोजन करना चाहिए।

  • मीठा भोजन :- संतोषी माता के व्रत में शाम को जब आप भोजन करने तो मीठे में आप सूजी का हलवा, खीर, पूरी आदि बना कर खा सकते हैं।
  • रोटी सब्जी :- शाम के भोजन में जब आप अन्न गृहण करते हैं तो उसमें रोटी और सब्जी खा सकते हैं। सब्जी में बस इतना ध्यान रखें की टमाटर, लहसुन और प्याज आदि का प्रयोग ना करें।

संतोषी माता के व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए

शुक्रवार के संतोषी माता के व्रत के भोजन में सबसे ज्यादा ध्यान इस बात का रखें की व्रत के दौरान खट्टे का सेवन किसी भी रूप में ना करें।

  • दही छाछ :- संतोषी माता के व्रत में दही, छाछ आदि का सेवन बिल्कुल ना करें वरना आपका व्रत टूट जाएगा।
  • खट्टे फल :- इस दिन खट्टे फल बिल्कुल भी ना खाएं। खट्टे फल कौनसे होते हैं इस बात का confusion सबको रहता हैं इसलिए साधारण नियम यही बनाएं की जिन फलों को खाने से आपकी जीभ कर खट्टेपन का अनुभव हो बस वो फल ना खाएं। जैसे संतरा, मौसमी, किनु, नींबू, अंगूर, अन्नास (pineapple), जामुन, स्ट्रॉबेरी, कीवी आदि।
  • अचार :- संतोषी माता के व्रत में अचार भी नहीं खाया जाता हैं। क्यूंकी अचार खट्टा होता है और उसमे खट्टे chemicals भी हो सकते हैं।
  • लहसुन प्याज :- इस व्रत में लहसुन और प्याज का सेवन भी नहीं किया जाता है। शाम को जब आप भोजन बनाए उसमें लहसुन और प्याज ना डालें।

संतोषी माता के व्रत में कौन कौन से फल खाने चाहिए

संतोषी माता के व्रत में जातक को सबसे बड़ा confusion यही रहता है की कौनसे फल खट्टे हैं और कौनसे मीठे। क्यूंकी लगभग सारे फल जब कच्चे होते हैं तो उनमें खट्टापन होता है लेकिन जब वे पक्क जाते हैं तो मीठे हो जाते हैं। इसलिए साधारण सा नियम यही रखें की कच्चे फल ना खाएं। पूरे पक्के हुवे फल खाएं। माता के व्रत में कोई भी खट्टा फल नहीं खाया जाता है लेकिन इसमे आप ऐसे फल खा सकते हैं जिनमें बिल्कुल भी खट्टाई ना हो। संतोषी माता के व्रत में केला, चीकू, सेव, सीताफल आप खा सकते हैं।

संतोषी माता के व्रत में कौन कौन से फल नहीं खाने चाहिए

संतोषी माता के व्रत में कोई भी खट्टा फल नहीं खाये। सामान्यतया कच्चे फलों में खटाई की मात्र ज्यादा होती है और जैसे जैसे फल पकता जाता है मीठा होता जाता है। खट्टे फल वे माने जाते हैं जिनमे citric acid पाया जाता है। संतरा, मौसमी, किनु, नींबू, अंगूर, अन्नास (pineapple), जामुन, स्ट्रॉबेरी, कीवी आदि खट्टे फल संतोषी माता के व्रत में कभी ना खाएं।

यह भी पढ़ें :- संतोषी माता की व्रत कथा ।

निष्कर्ष / सारांश

प्रिय पाठकों इस लेख में हमने शुक्रवार के संतोषी माता के व्रत के भोजन के बारे में जाना। हमने जाना की संतोषी माता के व्रत के दिन क्या खाना चाहिए और हमने यह भी पढ़ा की संतोषी माता के व्रत में शाम को क्या खाना चाहिए। शुक्रवार व्रत में खटाई नहीं खाई जाती है । इसलिए हमें हमेशा यही confusion रहता है की कौनसे फल खट्टे हैं और कौनसे मीठे जिससे हमें यह पता लग सके की संतोषी माता के व्रत में कौन कौन से फल खाने चाहिए

Pinterest :- शुभ शुक्रवार संतोषी माता images

FAQs

संतोषी माता के व्रत में टमाटर खाना चाहिए या नहीं

नहीं, संतोषी माता के व्रत में आपको टमाटर नहीं खाना चाहिए। ध्यान रखें की इस दिन सब्जी में भी टमाटर नहीं डाले। संतोषी माता के व्रत में खट्टी चीजे बिल्कुल भी ना खाये।

संतोषी माता के व्रत में पपीता खा सकते हैं क्या

हाँ संतोषी माता के व्रत में पपीता खा सकते हैं। संतोषी माता के व्रत में वो फल नहीं खाने चाहिए जो खट्टे होते हैं यानि जिनमें citric acid होता है। पपीता में citric acid नहीं होता बल्कि पपीता vitamin c का अच्छा स्रोत है।

ऐसे फल जिनमें citric acid नहीं होता फिर भी विटामिन c के अच्छे स्रोत हैं।

क्या हम संतोषी माता व्रत के दौरान अमरूद खा सकते हैं

हाँ, संतोषी माता के व्रत में अमरूद खा सकते हैं। जैसा की हमने ऊपर के प्रश्न में पढ़ा की संतोषी माता के व्रत में citric acid से युक्त फल नहीं खाये जाते हैं क्यूंकी वो खट्टे फल माने जाते हैं। अमरूद में ctiric ऐसिड नहीं होता बल्कि विटामिन c होता है।

संतोषी माता के व्रत में तरबूज खा सकते हैं क्या

हाँ, तरबूज मीठा फल होता है इसलिए संतोषी माता के व्रत में तरबूज खा सकते हैं।

संतोषी माता के व्रत में सेब खा सकते हैं क्या

हाँ, संतोषी माता के व्रत में सेव खा सकते हैं। सेव खट्टा फल नहीं होता है।

संतोषी माता के व्रत में नमक खाना चाहिए या नहीं

हाँ, संतोषी माता के व्रत में जब हम शाम को पूजा पाठ के बाद खाना खाते हैं उसमें नमक का सेवन भी कर सकते हैं। अगर आप स्वस्थ है और बिना नमक रह सकते हैं तो किसी भी व्रत में नमक खाने से बचे। अगर ज्यादा जरूरत महसूस हो तो सेंधा नमक का प्रयोग करें।

चेतावनी – इस artical में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। यह जानकारी लेखक द्वारा विभिन्न माध्यमों से एकत्रित कर पाठकों तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें।

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