बुधवार को इस सरल विधि से करें गणपती पूजा 2024 budhwar vrat puja vidhi in hindi

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इस पोस्ट में हम budhwar vrat puja vidhi in hindi के बारे में पढ़ेंगेहिन्दू धर्म में सप्ताह के सातों दिन किसी ना किसी देवी देवता को समर्पित किए गए हैं। धर्म ग्रंथों में बुधवार का दिन शिव पुत्र गणेश को समर्पित है। बुधवार को व्रत रखकर हम गणेश जी के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। बुधवार का व्रत स्त्री, पुरुष और बच्चे कोई भी कर सकता है। गणपती के आशीर्वाद से व्यापार, नौकरी धन आदि सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। बुधवार के व्रत में गणेश जी की व्रत कथा सुनने के बाद नीचे बताई गई विधि के अनुसार पूजा करें।

Pinterest :- शुभ बुधवार गणेश जी फोटो ।

budhwar vrat puja samagri बुधवार व्रत पूजा सामग्री

budhwar vrat puja samagri
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बुधवार व्रत के दिन गणेश जी की पूजा करते समय निम्न सामग्री का उपयोग किया जाता है।

  • गीले चावल :- गणेश जी को कभी सूखे चावल नहीं चढ़ाए जाते, गणपती को गीले और साबुत चावल ( अक्षत ) चढ़ाए जाते हैं।
  • भगवान की मूर्ति :- भगवान गणेश , भगवान बुध या भगवान शिव की प्रतिमा । अगर आपके पास भगवान बुद्ध की मूर्ति या फोटो नहीं है तो भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।
  • पूजा सामग्री :- दीपक, धूप, अगरबती, दूर्वा घास, रोली, मोली, जनेऊ, देशी घी और गुड़, नारियल, थोड़ी हरे मूंग की दाल।
  • पुष्प – गणेश जी को लाल पुष्प चढ़ाएं जाते हैं। उन्हे गुड़हल के फूल, लाल गुलाब और गेंदे का फूल आदि अर्पित किए जाते हैं।
  • भोग :- भोग में आप लड्डू, मूंग दाल का हल्वा और अन्य कोई मिठाई ले सकते हैं।
  • फल :- फलों में केले, सीताफल, अमरूद आदि ले सकते हैं।
  • कलश :- पानी का कलश।
  • दक्षिणा :- अपने सामर्थ्य के अनुसार पूजा की थाली में दक्षिणा के पैसे लें।

यह भी पढ़ें :- बुधवार व्रत के टोटके और उपाय ।

budhwar vrat puja vidhi in hindi – गणेश जी की पूजा विधि

ऊपर बताई गई पूजा सामग्री एक दिन पहले ही घर पर लाकर रख लेनी चाहिए। जिससे पूजा के समय अनावश्यक रूप से इधर उधर भागना नहीं पड़े और पूरा ध्यान पूजा में लगा सकें। अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार जितनी पूजा सामग्री ला सकें उतना ही अच्छा होता है। पूजा सामग्री लेने के बाद निम्न विधि से भगवान गणेश की पूजा करें।

  • दिन की शुरुवात :- बुधवार को ब्रह्मकाल में उठकर नहाकर साफ हरे रंग के कपड़े पहने। भगवान गणेश को हरा रंग पसंद है इसलिए बुधवार को हरे रंग के कपड़े पहन कर उनकी पूजा करना बहुत शुभ मना जाता है।
  • घर की सफाई :- पूरे घर की अच्छे से सफाई आदि करके पूजास्थल पर गंगाजल छिड़के।
  • पूजा स्थल स्थापना :- पूजा के स्थान पर लकड़ी की चौकी रखकर उस पर हरे या लाल रंग का कपड़ा रखें।
  • मूर्ति स्थापना :- चौकी पर गणपती और भगवान बुध या शिवजी की मूर्ति या फोटो स्थापित करें। मूर्ति को कभी भी सीधे चौकी पर ना रखें, पहले भगवान को आसन्न दिया जाता हैं। पहले थोड़े फूल रखकर, भगवान को आसन्न दे, फिर फूलों पर मूर्ति की स्थापना करें।
  • व्रत का संकल्प :- अगर आप व्रत शुरुवात कर रहे हैं यानि आपका पहला व्रत है तो आपको व्रत का संकल्प लेना होता है की आप कितने व्रत रखेंगे। हाथ में नारियल, रोली और अक्षत लेकर गणेश जी की मूर्ति के सामने संकल्प ले की हे प्रभु मैं आपके 21/ 45 (जितने व्रत आप करेंगे) व्रत पूर्ण निष्ठा से रखने का संकल्प लेता हूँ।
  • गणेश तिलक :- अब गणेश जी को मौली, जनेऊ आदि अर्पित करें और रोली का लाल तिलक लगाएं।
  • दीपक प्रज्वलन :- अब दीपक, धूप, अगरबती आदि जलाएं। गणेश जी को पुष्प अर्पित करें। सनातन धर्म में किसी भी पूजा में सबसे पहले दीपक प्रज्वलित किया जाता है। यह दीपक पूरी पूजा के दौरान जलता रहना चाहिए। सम्पूर्ण पूजा के दौरान दीपक जलाकर हम भगवान से यह कामना करते हैं की हमारी पूजा निर्विघ्न पूर्ण हो।
  • दूर्वा घास :- गणेश को दूर्वा घास बहुत प्रिय हैं। इसलिए उनकी पूजा में उन्हे दूर्वा घास जरूर अर्पित की जाति हैं। 11 या 21 की संख्या में घास की पतियाँ अर्पित करें।
  • गुड़ घी :- अब देशी घी और गुड़ का भोग गणपती को लगाएं। माना जाता हैं की देशी घी और गुड़ का भोग लगाने से हमारे धन ऐश्वर्य में वृद्धि होती है और सारे आर्थिक कष्ट दूर होते हैं। अब हरे मूंग की दाल समर्पित करें।
  • दक्षिणा :- अपने सामर्थ्य के अनुसार पैसे समर्पित करें। माना जाता है की अगर हमारी पूजा में कोई सामान आदि की कमी रह गई हो तो दक्षिणा उस कमी को पूरी करती है।
  • बुधवार व्रत कथा :- अब अपने हाथ में थोड़ा दूर्वा घास और पुष्प लेकर बुधवार व्रत कथा सुने। बुधवार व्रत कथा आप व्रत पुस्तक से भी पढ़ सकती हैं और मोबाईल आदि में पढ़ें तो भी कोई गलत नहीं है।
  • आरती :- कथा सुनने के के बाद जो पुष्प और दूर्वा घास और पुष्प आपने हाथ में ली हुई थी वह गणेश जी को समर्पित करें और गणेश जी की आरती करें और उन्हे भोग लगाएं और प्रसाद वितरित करें।
  • क्षमा और मनोकामना :- पूजा के बाद हम गणेश जी से हाथ जोड़कर पूजा में रही कमियों के लिए क्षमा याचना करेंगे और हमारी मनोकामना पूर्ण करने के लिए विनती करेंगे।
  • जल का अर्ग :- पूजा के बाद जल के कलश का सूर्यदेव को अर्ग दें।
  • बुधवार का बीज मंत्र :- बुधवार के व्रत के दिन पूरे दिन बुधवार के बीज मंत्र का जाप करते रहें। बुधवार का बीज मंत्र ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः है।
  • दान :- पूजा के बाद हरी वस्तुओं का दान जरूर करें। बुधवार को हरी मूंग की दाल, हरी सब्जी, हरे वस्त्र आदि दान किए जाते हैं। यह दान आप मंदिर या किसी जरूरमंद को कर सकते हैं। गणेश जी को चढ़ाई हुई दक्षिणा का भी दान करना होता है।

यह भी पढ़ें – बुधवार व्रत का भोजन – गणेश जी के व्रत में क्या खाएं और क्या नहीं ।

गणेश जी की बुधवार की आरती

गणेश जी की पूजा पूर्ण होने के बाद नीचे दी गई गणेश जी की आरती जरूर गायें।

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

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FAQs

बुधवार का व्रत कब से शुरू करना चाहिए

किसी भी व्रत को शुरू करने का सही समय होता हैं शुक्ल पक्ष का पहला वार। इसी तरह आप बुधवार का व्रत भी किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार से शुरू कर सकते हैं।

बुधवार का व्रत कितने बजे खोलना चाहिए?

बुधवार का व्रत खोलने का मतलब हैं उस समय आप अन्न खा सकते हो। बुधवार के व्रत में शाम को गणेश जी पूजा के बाद आप एक बार भोजन कर सकते हो। उसके बाद सूर्योदय तक अन्न नहीं खा सकते ।

गणेश जी के कितने व्रत करने चाहिए?

गणेश जी के व्रत कम से कम 7 तो जरूर करें। इसके बाद अपनी श्रद्धानुसार 7, 21 या 45 कर सकते हैं।

बुधवार के दिन गणेश जी को क्या चढ़ाना चाहिए?

बुधवार का दिन गणपती को समर्पित हैं। इस दिन दिन गणेश जी के मंदिर में जाना चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। गणेश जी का मुख्य भोग मोदक हैं। इसके अलावा उन्हे दूर्वा घास और लड्डू चढ़ाने चाहिए। देशी घी और गुड़ गणपती को चढ़ाने से जातक के आर्थिक संकट दूर होते हैं।

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