16 somvar vrat ka udyapan kaise karen – अगर मंदिर नहीं जा सकते हैं तो ऐसे करें घर पर व्रत का उद्धयापन – सम्पूर्ण विधि

Rate this post

16 somvar vrat ka udyapan kaise karen :- ऐसी मान्यता है की किसी व्रत का पुण्य तब नहीं मिलता जब तक की उस व्रत का पूर्ण विधि विधान से उद्धयापन ना किया जाए। अगर अपने भी सोलह सोमवार के व्रत पूरे कर लिए हैं तो 17 वें सोमवार को व्रत का उद्धयापन करने से ही व्रत पूर्ण माना जाता है।

किसी व्रत के उद्धयापन से तात्पर्य –

हिन्दू धर्म में व्रत का बहुत महत्व है। व्रत का दिन किसी पर्व से कम नहीं होता। जब हम किसी व्रत को करने का संकल्प लेते हैं तो उस दिन यह भी संकल्प लेते हैं की वह व्रत कितने समय तक करेंगे। जैसे की मान लो हम बृहस्पतिवार का व्रत रखने की शुरुवात कर रहें हैं और संकल्प लेते हैं की प्रभु मैं 21 बृहस्पतिवार आपका व्रत रखूंगी/रखूँगा आप मेरी मनोकामना पूर्ण करें।

जब हमारे 21 व्रत पूर्ण हो जाएं तो हम 22 वें बृहस्पतिवार को व्रत का उद्धयापन करते हैं यानि हमारे द्वारा प्रण लिए गए व्रत हमने पूरे कर लिए हैं । हम व्रत का उद्धयापन करके हमारे व्रतों का फल या पुण्य मांगते हैं और उस कमाए गए पुण्य के बदले प्रभु से हमारी मनोकामना पूर्ण करने का आग्रह करते हैं।

यह भी पढ़ें – 16 सोमवार कब से शुरू करें 2023.

सोलह सोमवार का उद्यापन कब करना चाहिए

16 somvar vrat ka udyapan kaise karen
16 somvar vrat ka udyapan kaise karen

जैसा की नाम से स्पष्ट है की 16 सोमवार के व्रत में भगवान शिव के सोमवार के 16 व्रत किए जाते हैं। 17 वें सोमवार को भगवान शिव की पूजा करके व्रत का उद्धयापन किया जाता है। 16 सोमवार का व्रत सावन के पहले सोमवार से शुरू करना बहुत शुभ और फलदायी माना जाता है। अगर आपने भी सावन के पहले सोमवार से व्रत प्रारंभ किया तो तो उसके बाद लगातार 16 सोमवार तक व्रत रखें और 17 वें सोमवार को उद्धयापन करें।

सोलह सोमवार व्रत उद्यापन विधि सामग्री

17 वें सोमवार को भगवान शिव की जो अंतिम पूजा हम करते हैं वही उद्धयापन कहलाता है। उद्धयापन पूजा मे निम्न सामग्री आवश्यक मानी गई है। ध्यान रखें की उद्धयापन में भगवान शिव के साथ माता पार्वती और चंद्रदेव की भी पूजा की जाती है।

सोलह सोमवार व्रत उद्यापन विधि सामग्री
सोलह सोमवार व्रत उद्यापन विधि सामग्री
  • भगवान शिव , माता पार्वती और चंद्रदेव की प्रतिमा या फोटो जो भी उपलब्ध हो।
  • भांग , बेलपत्र , धतूरा
  • पान , सुपारी, अक्षत ,जनेऊ
  • रौली , मौली , धूप, दीपक
  • कपूर , पंचामृत ( दूध, दही, घी, शहद, शकर ) , चंदन
  • गंगाजल, लाल कपड़ा, सफेद कपड़ा
  • नैवेध , पुष्प , कोई फल
  • लकड़ी की चौकी

यह भी पढ़ें – 16 सोमवार व्रत कथा ।

यह भी पढ़ें – 16 सोमवार पूजा व्रत सामग्री ।

16 somvar vrat ka udyapan kaise karen – सोलह सोमवार उद्धयापन की सम्पूर्ण विधि

  • सोमवार की प्रातःकाल उठकल सबसे पहले भगवान शिवशंकर को याद करें और स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। सफेद वस्त्र धारण करना उत्तम माना जाता है।
  • पूरे घर को गंगाजल से शुद्ध करें। अगर पूरे घर को शुद्ध ना कर पाए तो पूजा स्थल का अवश्य गंगाजल के छिड़काव से शुद्धिकरण करें।
  • सोमवार को भगवान शिव की पूजा हमेशा प्रदोष कल से प्रारंभ की जाती है। अतः आप आप शाम को 2,3 बजे से पूजा की तैयारियां करना शुरू कर सकते हैं लेकिन पूजा प्रदोष कल के बाद शुरू करें।
  • लकड़ी की चौकी पर सफेद या लाल वस्त्र बिछा कर उस पर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा/ फोटो स्थापित करें। उसी चौकी पर किसी पात्र में चंद्रदेव की प्रतिमा स्थापित करें।
  • अगर आपके पास चंद्रदेव की प्रतिमा/ फोटो नहीं हैं तो आप भगवान शिव के मस्तक पर स्थापित चंद्रमा की भी पूजा कर सकते हैं।
  • ध्यान रहे की पूजा करते समय आपका मुख पूर्व की तरफ हो। अतः भगवान की प्रतिमा और अपना आसन्न उसी अनुसार स्थापित करें।
  • सबसे पहले घी का दीपक जलाए और पुष्प अर्पित करें।
  • सोमवार के व्रत उद्धयापन में सबसे पहले भगवान गणेश जी की पूजा करें।
  • इसके बाद भगवान शिव को जल से स्नान कराएं यानि उनका अभिषेक करें। जल में अगर थोड़ा गंगाजल और काले तिल डाल ले तो बहुत उत्तम माना जाता है।
  • भगवान को पंचामर्त का अभिषेक करें । अगर आपने पंचामर्त नहीं बनाया है तो पंचामर्त के पांचों तत्वों ( दूध, दही, घी, शहद, शकर ) को अलग अलग भी भेंट कर सकते हैं।
  • पंचामर्त से भगवान शिव का अभिषेक करने के बाद पुनः स्वच्छ जल से भगवान का अभिषेक जरूर करें।
  • भगवान शिव को चंदन का तिलक लगाएं और माता पार्वती को सिंदूर और कुमकुम का तिलक लगाएं।
  • इसके बाद फूल, माला, पान,सुपारी, मौली, जनेऊ, नैवेद्य, बेलपत्र, धतूरा, भांग अर्पित करें ।
  • अब भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
  • 16 सोमवार व्रत के उद्धयापन में भी वही प्रसाद लेना होता है तो आपने 16 सोमवार तक लिया था। ठीक उसी तरह जैसे हर सोमवार के व्रत की पूजा में करते हैं , प्रसाद के 3 भाग करने होते हैं। एक भाग स्वयं मे लिए, दूसरा भाग वितरित करने के लिए और तीसरा भाग भगवान शिव और नंदी के लिए।
  • इस तरह घर पर व्रत का उद्धयापन करके अगर संभव हो तो भगवान शिव के मंदिर जाकर दर्शन जरूर करें।

सोलह सोमवार व्रत उद्यापन विधि PDF

क्या उद्धयापन करने के बाद भी व्रत कर सकते हैं ?

हाँ , हम उद्धयापन के बाद भी व्रत रख सकते हैं। उद्धयापन के बाद पुनः संकल्प ले की आप कितने व्रत करेंगे और पुनः शुरुवात से यानि 1 से गिनना शुरू करें।

sawan ke somvar ki shubhkamnaye

सावन के सोमवार की शुभकामनाएं

यह भी पढ़ें :- शनिवार व्रत के उद्यापन की विधि और सामग्री ।

यह भी पढ़ें :- मंगलवार व्रत के उद्यापन की विधि और सामग्री लिस्ट ।

यह भी पढ़ें :- गुरुवार / बृहस्पतिवार व्रत के उद्यापन की विधि और सामग्री लिस्ट ।

यह भी पढ़ें :- रविवार व्रत के उद्यापन की विधि और सामग्री ।

चेतावनी – इस artical में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। यह जानकारी लेखक द्वारा विभिन्न माध्यमों से एकत्रित कर पाठकों तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

Leave a Comment

]