Karva Chauth Ka vaigyanik Karan kya hai | करवा चौथ से जुड़े 5 वैज्ञानिक तथ्य

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Karva Chauth Ka vaigyanik Karan kya hai :- करवा चौथ के धार्मिक स्वरूप से सभी लोग परिचित हैं। इस दिन सुहागिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है। सनातन धर्म की जड़े विज्ञान पर टिकी हैं। इसकी सभी परंपराओं और प्रथाओं में विज्ञान की झलक देखने को मिलती है। इस पोस्ट में हम करवा चौथ के वैज्ञानिक पहलुओं की चर्चा करेंगे । तो आइए जानते हैं करवा चौथ मनाने के पीछे का वैज्ञानिक कारण क्या है।

Pinterest :- करवा चौथ की शुभकामनाएं ।

Karva Chauth Ka vaigyanik Karan kya hai करवा चौथ का वैज्ञानिक कारण क्या है

करवा चौथ का वैज्ञानिक कारण क्या है :- करवा चौथ का व्रत पत्नी द्वारा पति की दीर्घायु के लिए किया जाने व्रत है। इस दिन एक सुहागिन पूरे दिन निर्जला और निराहार रहकर चन्द्रमा के दर्शन करके ही अपने पति के हाथ से भोजन गृहण करती है। करवा चौथ से जुड़ी बहुत ही धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताएं तो हमने बहुत सुनी होंगी । लेकिन आज जानते हैं करवा चौथ से जुड़े कुछ वैज्ञानिक पहलू ।

चन्द्रमा की स्थिति – चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकर्तिक उपगृह है। अंतरिक्ष में पृथ्वी के सबसे नजदीक चंद्रमा ही है बाकी जितने भी गृह/उपगृह/तारे हैं, सबकी दूरी चाँद से ज्यादा ही है। इसलिए चंद्रमा का पृथ्वी पर सबसे ज्यादा प्रभाव है। इसलिए चाँद को देवता मानकर पूजा जाता है। चन्द्रमा पृथ्वी की परिक्रमा लगभग 30 दिनों में पूरी करता है। लगभग हर महिला का मासिक धर्म भी 30 दिन का होता है।

चन्द्रमा का प्रभाव :- हमारे वेद पुराणों में चन्द्रमा को मन का राजा कहा जाता है। चन्द्रमा को जल तत्व का दोष ठीक करने वाला माना गया है। चंद्रमा और जल तत्व का बहुत गहरा संबंध है। इसका भौतिक रूप से प्रभाव ज्वार – भाटा के रूप में भी देखा जा सकता है। चाँद की रोशनी का हमारे चित या मन पर बहुत ही प्रभाव पड़ता है। माना जाता है की पूर्णिमा को हमारा मन शांत रहता है और शरीर मे ऊर्जा की अनुभूति होती है लेकिन वही अमावस्या को मन में उदासीनता रहती है । शरीर में आलस्य सा रहता है।

निर्जला रहने का कारण :- समय समय पर व्रत रखने से हमारी पाचन क्रिया सही रहती है और हमारे शरीर का Detoxification होता है। लेकिन हर व्रत में हम निर्जला नहीं रहते हैं। करवा चौथ का व्रत निर्जला होता है। इसमे महिलायें लगभग 12 घंटे तक बिना अन्न और जल के रहती है। इतने समय तक शरीर जो जल न मिलने से हमार शरीर, शरीर में एकत्रित extra fat को digest करने लगता है। इस तरह बाकी व्रत की तुलना में निर्जला व्रत में हमारे शरीर का Detoxification जल्दी और प्रभावी तरीके से होता है। 12 घंटे निर्जला रहने से व्रता महिला के शरीर में जल तत्व का संतुलन स्थापित हो जाता है और harmones balance होने लगते हैं।

ऊपर दिए गए तथ्यों के आधार पर आइए सारांश की तरफ बढ़ते हैं और करवा चौथ के व्रत के फायदे या व्रत रखने से व्रता महिला के जीवन में क्या परिवर्तन आते हैं जानते हैं।

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विज्ञान के अनुसार करवा चौथ व्रत के फायदे

ऊपर पढ़ें करवा चौथ के वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर हम करवा चौथ व्रत के फायदे निम्न रूप से बता सकते हैं।

  • निर्जला करवा चौथ व्रत रखने से अन्य व्रतों की तुलना में व्रता महिला का शरीर अधिक प्रभावकारी तरीके से detoxify हो जाता है।
  • पूरे दिन निर्जला और निराहार रहने से महिला का शरीर एकाग्र होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसी सकारात्मक सोच के साथ जब वह चन्द्रमा से अपनी पति की दीर्घायु मांगती है तो वह कामना अवश्य पूर्ण होती है। जब हम कोई भी कार्य सकारात्मक ऊर्जा और ध्यानचित होकर करते हैं तो वह अवश्य पूर्ण होता है। मन को एकाग्र और ध्यानचित करने का कार्य करवा चौथ का व्रत करता है।
  • महिला पूरे दिन बिना अन्न जल के रहती है और रात को जब उसका पति उसे जल देता है तो निश्चय ही दोनों के मन के प्रेम भाव बढ़ता है। निश्चित रूप से अगर किसी भूखे और प्यासे व्यक्ति को जो सबसे पहले अन्न जल देता है वह अपने आप प्रिय हो जाता है।
  • इसी सकारात्मक ऊर्जा से महिला के शरीर में harmones का balance हो जाता है जिससे उनका मासिक धर्म चन्द्रमा की तरह लगभग 30 दिन का हो जाता है । किसी महिला का अगर मासिक धर्म सही हो जाए तो तमाम तरह की बीमारियाँ अपने आप ठीक हो जाती है।
  • करवा चौथ को पति अपनी पत्नी के लिए उपहार लाते हैं। आजकल पति भी पत्नी की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखने लग गए है। पति की यह भावना पति पत्नी का रिश्ता जरूर मजबूत करती है।
  • करवा चौथ का एक दिन ऐसा होता है जो आध्यात्मिक रूप से केवल पति पत्नी के रिश्ते को समर्पित होता है। पूरे दिन व्रता महिला जो भी कार्य करती है अपने पति के लिए करती है। इस दिन पति पत्नी के बीच में इतनी सकारात्मक सोच और प्रेम का विकास होता है की उनके दाम्पत्य जीवन की छोटी मोटी परेशानियाँ तो अपने आप दूर हो जाती हैं। और उनका रिश्ता और भी गहरा हो जाता है।

FAQs

करवा चौथ सिर्फ महिलाएं ही क्यों करती हैं?

करवा चौथ सिर्फ महिलाएं ही क्यों करती हैं :- करवा चौथ का व्रत एक सुहागिन महिला के लिए सबसे बड़ा पर्व होता है। क्यूंकी इस दिन व्रत रखकर वह माता करवा से अपने पति की लंबी आयु की मनोकामना मानती है। पुराने समय में यह व्रत केवल महिलाये करती थी लेकिन आजकल पुरुष भी इस व्रत को करते हैं। लेकिन फिर भी यह व्रत ज्यादातर महिलायें ही करती हैं ।

  • महिला के शरीर में मासिक धर्म की क्रिया हर माह होती है। ऐसी मान्यता है करवा चौथ के व्रत के कारण यह चन्द्रमा के पृथ्वी के चारों और घूर्णन के अवधि ( 30 दिन )से synchronised हो जाती है। इसके कारण एक महिला के शरीर में हार्मोन्स का balance हो जाता है। जिसके कारण स्त्री का शरीर निरोग रहता है। पुरुष के शरीर में ऐसी कोई क्रिया नहीं होती है।
  • ऊपर हमने करवा चौथ से जुड़े वैज्ञानिक तथ्यों में पाया की निर्जला व्रत रखने से महिला का शरीर detoxify होता है। पुरुष सामान्यतया घर से बाहर निकलते रहते हैं इसलिए उनका शारीरिक व्यायाम होता रहता है। लेकिन महिला को घर के काम काज में शारीरिक व्यायाम करने का समय नहीं मिलता। ऐसे में करवा चौथ का निर्जला व्रत उनकी यह कमी पूरी करता है और उनके शरीर को बहुत प्रभावी तरीके से detoxify करता है।
  • ज्यादातर महिलायें घर की चारदीवारी में रह रह कर कुंठित हो जाती है। उन्हे नकारात्मक सोच घेरने लगती है। इसे में करवा चौथ का व्रत उनके शरीर में शकरात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
  • करवा चौथ के व्रत से पति पत्नी का रिश्ता और मजबूत होता है। यही एक पूरा दिन है जिस दिन बाकी सब काम भूलकर पति और पत्नी एक दूसरे को समर्पित करते हैं।
  • करवा चौथ का व्रत हमें हमारी संस्कृति से जोड़ता है। इस दिन महिला पूर्ण रीति रिवाज से पूजा पाठ करती है। अगर करवा चौथ का व्रत न रखें तो नवविवाहिता कभी उन रीति रिवाजों को जान सके।

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करवा चौथ पर आदमी को क्या करना चाहिए?

करवा चौथ पर आदमी को क्या करना चाहिए :- करवा चौथ के दिन महिलायें पूरे दिन निर्जला और निराहार रहकर अपने पति के लिए व्रत रखती हैं। तो पति का भी ये दायित्व बनता है की वह अपनी पत्नी के लिए कुछ special करे ताकि उसे भावनात्मक support मिलें।

  • करवा चौथ के व्रत में अपनी पत्नी के लिए कोई उपहार जरूर खरीदें। यह उपहार आपका उनके लिए एक सम्मान दर्शाता है की आप उनकी फिक्र करते हैं।
  • करवा चौथ के दिन आपकी पत्नी पूरे दिन भूखी है तो उनमें ऊर्जा की कमी होना स्वाभाविक है। इसलिए जितना हो सकते उतना घर के काम में हाथ बँटायें। अगर संभव हो तो office से छूटी लें और पूरा दिन घर पर अपनी पत्नी के साथ बिताएं।
  • आजकल करवा चौथ के व्रत के दिन पति भी पत्नी के साथ पूरे दिन भूखे रहकर उनका moral support करते हैं। हो सकता है आपको यह बात बहुत छोटी लगे लेकिन एक पत्नी के लिए अपने पति द्वारा किया गया यह कार्य बहुत सार्थक प्रतीत होता है।
  • अगर आप खाना बनाने के शौकीन है तो अपनी पत्नी के लिए कोई नई dish बना सकते हैं। यह छोटा सा surprise जरूर आपकी पत्नी के चेहरे पे मुस्कान ला देगा।

करवा चौथ के दिन रात में पति पत्नी क्या करते हैं?

करवा चौथ की रात पत्नी अपने पति का चेहरा देखकर ही खाना खाती है और व्रत खोलती है। एक स्वाभाविक सा सवाल हर दंपति के मन में आता है की क्या करवा चौथ की रात को पति पत्नी संबंध बना सकते हैं। हाँ, करवा चौथ की रात को पति पत्नी संबंध बना सकते हैं। करवा चौथ का व्रत ही पति पत्नी के आपसी प्रेम पर आधारित है। और पति पत्नी अपना प्रेम शारीरिक संबंध बनाकर दर्शाते हैं। इसके कोई गलत बात नहीं हैं। हालांकि पूरे दिन बिना अन्न जल के रहने के बाद पत्नी का शरीर ऊर्जा रहित होता है तो यह पति पत्नी की आपसी समझ पर निर्भर करता है।

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