ghar par shivling rakhne ke niyam घर पर शिवलिंग की स्थापना विधि और शिवलिंग रखने के 15 नियम

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अगर आप भी भोलेनाथ के भक्त है और घर पर शिवलिंग स्थापित करना चाहते हैं तो आपको यह जानना बहुत जरूरी है की Ghar par shivling rakhne ke niyam क्या क्या है? अगर आप रोज शिवलिंग की पूजा करने में सक्षम है तभी आपको घर पर शिवलिंग के स्थापना करनी चाहिए। क्यूंकी ऐसा माना जाता है की शिवलिंग की पूजा प्रतिदिन बिना किसी चूक के करनी चाहिए।

शिवलिंग को भगवान शिव का निराकार स्वरूप माना जाता है। शिवलिंग शिव और शक्ति दोनों का सम्मिलित रूप होता है। शिव लिंग रूप में रहते हैं और शक्ति यानि माता पार्वती शिवलिंग की वेदी के रूप में रहती हैं। शिवलिंग की उपासना करने से शिव और शक्ति दोनों की उपासना पूर्ण हो जाती है।

घर में शिवलिंग की स्थापना करके हम अपने परिवार और खुद को भगवान शिव की छत्रछायां में अर्पण करते हैं। माना जाता है की जिस घर में शिवलिंग स्थापित हो उस घर से कोई भी अहित कोसों दूर रहता हैं। इस post में हम घर पर शिवलिंग रखने के नियम पढ़ेंगे और साथ ही जानेंगे की घर में शिवलिंग कैसे स्थापित करें।

shivling aur nandi ko kaise rakhe( शिवलिंग और नंदी की दिशा )

shivling aur nandi ko kaise rakhe
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ghar par shivling rakhne ke niyam घर पर शिवलिंग रखने के नियम

अगर आप अपने घर में भगवान शिव के शिवलिंग को स्थापित करना चाहते हैं तो यह post आपके लिए है। शिवलिंग को स्थापित करते समय हमारे मन में बहुत से विचार और प्रश्न आते है जैसे की घर पर शिवलिंग रखने के नियम क्या हैं ? घर में कौन सा शिवलिंग रखना चाहिए ? तो आइए जानते हैं शिवलिंग से सम्बन्धित आपके सारे सवालों के जवाब ।

घर में शिवलिंग कैसे स्थापित करें – घर पर शिवलिंग रखने के नियम

शिवलिंग की स्थापना से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातें जानना बहुत जरूरी हैं, जिनका वर्णन शिवपुराण आदि प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। इन ग्रंथों में शिवलिंग की स्थापना से संबंधित नियमों को विस्तृत रूप में बताया गया है। तो आइए जानते हैं घर पर शिवलिंग रखने के नियम

  • शिवलिंग की प्रतिस्था :- शिवलिंग को अगर आप घर में स्थापित कर रहे हैं तो शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जाती। शिवलिंग की केवल प्रतिष्ठा की जाती है। मंदिर आदि में शिवलिंग स्थापना के समय उनकी प्राण प्रतिष्ठा करना अनिवार्य है।
  • शिवलिंग के साथ नंदी स्थापना :- शिवलिंग को घर में स्थापित करते समय सबसे पहली बात यह ध्यान में रखने की शिवलिंग को कभी भी अकेला स्थापित नहीं करें। जब भी शिवलिंग को स्थापित करें उनके साथ नंदी की स्थापना जरूर करें। स्फटिक से बना नंदी बहुत शुभ और फलदायक माना जाता है। शिवपुराण के अनुसार भोलेनाथ ने नंदी को ये वरदान दिया था की मेरे भक्तों को मेरी भक्ति से पहले आपकी भक्ति करनी होगी। अगर कोई भक्त केवल मेरी भक्ति करता है और आपकी भक्ति नहीं करता तो उसे कभी भी मेरी भक्ति का फल प्राप्त नहीं होगा।
  • शिवलिंग और नंदी स्थापित करने की दिशा :- शिवलिंग की स्थापना इस तरह से करें की शिवलिंग की योनि का मुख हमेशा उतर दिखा की और हो। नंदी महाराज का मुख पूर्व दिशा की और होना चाहिए।
  • शिवलिंग स्थापित करने का पात्र :- ऐसा माना जाता है की शिवलिंग को हमेशा कांसे के पात्र में स्थापित करना चाहिए।
  • ऐसा माना जाता है की शिवलिंग से हमेशा ऊर्जा का संचार होता रहता है इसलिए उस ऊर्जा को शांत करने के लिए शिवलिंग पर हमेशा जल गिरता रहना चाहिए। जब आप शिवलिंग लाएं तो बाजार से शिवलिंग का stand भी लाएं। stand शिवलिंग के ऊपर स्थापित होता है। stand पर कांसे का पात्र रखें, उसमे जल भरे और उसके पेंदे में छोटा सा छेद करें। जिससे कांसे के बर्तन का पानी बूँद बूँद करके शिवलिंग पर गिरता रहेगा और भगवान शिव का अभिषेक होता रहेगा। सुबह उठकर जब आप भगवान शिव को अभिषेक करें तो अपने लोटे का जल उस कांसे के बर्तन में डाल दें जिससे पूरे दिन भगवान शिव का अभिषेक होता रहेगा।
  • शिवलिंग के स्थापना के बाद इस बात का विशेष ध्यान रखें की भगवान शिव की शिवलिंग के रूप में रोज पूजा करें। कोई भी दिन ऐसा नहीं होना चाहिए जिस दिन आप शिवलिंग की पूजा ना करें। अगर आप किसी कारण से घर में नहीं हैं तो किसी ना किसी को शिवलिंग पूजा की जिम्मेदारी देकर जाएं।
  • शिवलिंग पर हमेशा बेलपत्र रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है शिवलिंग का जब भी अभिषेक हो तो वह जल/दूध सीधा शिवलिंग पर नहीं गिरना चाहिए। पहले जल बेलपत्र पर गिरना चाहिए उसके बाद जल शिवलिंग पर प्रवाहित होता है।

यह भी पढ़ें – शिवजी की सोमवार व्रत के नियम और पूजा की विधि

घर में कौन सा शिवलिंग रखना चाहिए

शास्त्रों में अलग अलग मनोकामना की पूर्ति के लिए अलग अलग धातु से बने शिवलिंग की स्थापना का विधान बताया गया है। मान्यता है की इस सृष्टि के कल्याण के लिए भगवान शिव ने भगवान विश्वकर्मा को अलग अलग धातुओं और रत्नों से शिवलिंग बनाकर देवताओं को देने की आज्ञा दी थी। इसलिए आप अपने घर में शिवलिंग की स्थापना करने जा रहें है तो तो आपको यह जानना बहुत जरूरी है की घर में कौन सा शिवलिंग रखना चाहिए। मुख्य रूप से 3 प्रकार के शिवलिंग घर में स्थापित किए जाते हैं।

parad shivling benefits
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  • पारद का शिवलिंग :- पारद शिवलिंग पारे ( Mercury ) धातु का बना होता है। ऐसा माना जाता है पारद शिवलिंग की प्रतिदिन पूजा करने से जातक रोग, दोष, गरीबी से कोसों दूर रहता है और नकारात्मक शक्तियों का नाश करता है। पारद शिवलिंग घर में सुख और सौभाग्य लाता है। हमारे वेद पुराणों में पारद शिवलिंग की महिमा का गुणगान मिलता है।

ऐसा माना जाता है पारद का शिवलिंग बनाने के लिए पारे को बिना किसी मशीन की मदद के अष्ट संस्कार करके शुद्ध किया जाता है। उसके बाद उसमें 64 प्रकार की जड़ी बूटियां मिलाकर इसे ठोस रूप दिया जाता है। माना जाता है की एक पारद शिवलिंग बनाने में 5 से 6 महीने का समय लगता है।

  • नर्मदेश्वर शिवलिंग :- माना जाता है नर्मदा नदी को यह वरदान था की उसका हर छोटे से छोटा पत्थर भी शिवलिंग के रूप में पूजा जाएगा। इसलिए ऐसा माना जाता है की अगर आप नर्मदा नदी का कोई भी पत्थर घर में लाए तो वह शिवलिंग के रूप में पूजनीय है। प्राकर्तिक रूप से बने शिवलिंगों में नर्मदेश्वर शिवलिंग श्रेष्ट माना गया है।
  • स्फटिक शिवलिंग :- स्फटिक एक पारदर्शी पत्थर होता है जो भगवान शिव के निराकार स्वरूप को दर्शाता है। स्फटिक पत्थर से बना शिवलिंग भी बहुत पवित्र माना जाता है। यह शिवलिंग आपको मानसिक शांति प्रदान करता है और आपके जीवन के आध्यात्मिक स्वरूप को और निखरता है।

पारद, नर्मदेश्वर और स्फटिक शिवलिंग के अलावा सोने, चांदी और अन्य कीमती रत्नों से भी शिवलिंग बनाया जाता है और घर में स्थापित किया जाता है। सभी धातुओं से बने शिवलिंग की अपनी अपनी विशेषताएं हमारे प्राचीन ग्रंथों में बताई गई हैं। उनमें कुछ नीचे बताई गई हैं।

  • सोने का शिवलिंग :- ऐसा माना जाता है की घर में सोने का शिवलिंग स्थापित करने से जातक को मृत्यु के बाद स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है।
  • चांदी का शिवलिंग :- अगर आप अपने पितरों की मुक्ति चाहते हैं तो आपको चांदी का शिवलिंग अपने घर में स्थापित करना चाहिए।
  • मोती जड़ा हुआ शिवलिंग :- मान्यता है की मोतियों से जड़ा हुआ शिवलिंग घर में स्थापित करने से घर के सदस्यों को रोगों से मुक्ति मिलती है।
  • हीरे या तांबे से बना शिवलिंग :- दीर्घायु की प्राप्ति के लिए हमें अपने घर में हीरे या तांबे से बने शिवलिंग को स्थापित करना चाहिए।

शिवलिंग को घर में कहां रखना चाहिए

हमें अपने घर के ईशान कोण में शिवलिंग की स्थापना करनी चाहिए। ईशान कोण का अर्थ है उतर-पूर्व दिशा। लेकिन आजकल के घरों के design आदि के कारण यह संभव नहीं हो पाता की हमारे घर का उतर पूर्व का कोना खाली हो। इसलिए अगर आपके भी घर का ईशान कोण खाली नहीं है तो शिवलिंग स्थापना का दूसरा तरीका अपनाएं। आप अपने घर में जिस जगह पूजा करते हैं चाहे वो छोटा मंदिर हो, उसके ईशान कोण यानि उत्तर पूर्व कोने में शिवलिंग की स्थापना कर सकते हैं।

शिवलिंग किस दिन खरीदना चाहिए

शिवलिंग हमें सोमवार को खरीदना चाहिए। शिवपुराण में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित किया गया है इसलिए अगर आप अपने घर के लिए शिवलिंग खरीदना चाहते हैं तो सोमवार का दिन सबसे शुभ और उत्तम माना गया है।

शिवलिंग का मुंह किधर होना चाहिए?

शिवलिंग स्थापित करते समय यह ध्यान रखना चाहिए की शिवलिंग की वेदी का मुख हमेशा उतर दिशा की तरफ होना चाहिए।

घर पर शिवलिंग का आकार क्या है?

घर पर हमेशा छोटे आकार का शिवलिंग रखा जाता है। ऐसा माना जाता है की जो व्यक्ति अपने घर में शिवलिंग की स्थापना कर रहा है उसके हाथ के अंगूठे के आकार से शिवलिंग का आकार बड़ा नहीं होना चाहिए। एक सामान्य मनुष्य के अंगूठे की लंबाई 3 से 4 इंच तक होती है।

इसलिए घर में स्थापित शिवलिंग का आकार 3,4 इंच से बड़ा नहीं होना चाहिए। क्यूंकी अगर आप बड़े आकार का शिवलिंग स्थापित करते हो तो फिर भगवान शिव के लिए अलग से मंदिर बनाना चाहिए और उनकी प्राण प्रतिष्ठा करनी चाहिए। इसलिए जब भी हम घर में शिवलिंग की स्थापना करते हैं तो छोटे शिवलिंग की स्थापना करते हैं जिसे हम अपने घर के मंदिर में अन्य देवताओ के साथ स्थापित कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें :- शिवजी की सोमवार व्रत की कथा

शिवलिंग की सफाई कैसे करें?

घर में शिवलिंग स्थापित करने के बाद हमें यह विशेष ध्यान रखना चाहिए की शिवलिंग की अच्छे ढंग से साफ सफाई भी होती रहें। कहीं ऐसा ना हो की हम भगवान शिव की रोज पूजा तो कर रहें हैं लेकिन हम उसकी साफ सफाई नहीं कर रहें हैं। ऐसा करने से कभी भी हमें भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होगा क्यूंकी ऐसा माना जाता है की भगवान उसी घर में वास करते हैं जहां साफ सफाई और स्वच्छता का वास हों।

  • शिवलिंग पर हवा आदि के कारण हल्की धूल मिट्टी आदि गिरती रहती हैं इसलिए शिवलिंग को गीले सूती कपड़े से पोंछ सकते हैं। ऐसा करने से शिवलिंग की सफाई भी हो जाती है और शिवलिंग चमकने भी लगता है।
  • शहद दूध दही आदि से शिवजी का अभिषेक करने के बाद जल से अभिषेक करना बिल्कुल ना भूलें। जिससे शिवलिंग की सफाई भी हो जाती हैं और अभिषेक पूर्ण भी तभी माना जाता है जब अंतिम अभिषेक जल से किया जाता है।
  • अगर प्रसाद आदि से शिवलिंग पर ज्यादा दाग धब्बे नजर आ रहें हैं तो साबुन सर्फ आदि से साफ करना चाहिए।

शिवलिंग पर क्या नहीं चढ़ाना चाहिए

शिवलिंग पर केतकी ( केवड़े) का फूल, तुलसी, सिंदूर और हल्दी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाएं जाते हैं।

यह भी पढ़ें :- शिवलिंग पर केतकी के फूल क्यूँ नहीं चढ़ाएं जाते हैं ?

FAQ’S

काला शिवलिंग घर में रखना चाहिए या नहीं

हाँ, आप काला शिवलिंग घर में रख सकते हैं। नर्मदेश्वर शिवलिंग जो नर्मदा नदी से निकलता है रंग में काला भी होता है। घर में शिवलिंग स्थापित करते समय उसका रंग देखकर स्थापित नहीं किया जाता, वह किस धातु या रत्न का बना है यह देखा जाता है।

सफेद शिवलिंग घर में रखना चाहिए या नहीं

जैसा की हमने ऊपर भी पढ़ की घर में शिवलिंग स्थापित करते समय उसका रंग देखकर स्थापित नहीं किया जाता, वह किस धातु या रत्न का बना है यह देखा जाता है। पारद शिवलिंग सफेद चमकीला रंग का दिखता है। पारद शिवलिंग घर में स्थापित करना बहुत शुभ माना जाता है।

गमले में शिवलिंग रखना चाहिए या नहीं

नहीं, शिवलिंग को गमलें में कभी नहीं रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है की शिवलिंग को गमले में रखने से उसकी पवित्रता कम होती हैं और नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसका कारण ऐसा माना जाता है की शिवपुराण के अनुसार शिवलिंग को कभी भी मिट्टी या जमीन पर नहीं रखा जाता है। गमले में मिट्टी होती है इसलिए शिवलिंग को कभी भी गमलें में नहीं रखें।

घर में दो शिवलिंग रखना चाहिए या नहीं

नहीं, शिवपुराण के अनुसार घर में केवल एक शिवलिंग रखना शुभ माना जाता है। इसलिए हमें कभी भी घर में दो शिवलिंग नहीं रखने चाहिए।

चेतावनी – इस artical में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। यह जानकारी लेखक द्वारा विभिन्न माध्यमों से एकत्रित कर पाठकों तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें।

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