इस पोस्ट में हम पढ़ेंगे की aaj ki tithi kya hai इस महीने । हिन्दू पंचाग के अनुसार तिथि कम से कम 19 घंटे की और अधिकतम 24 घंटे तक होती है। इस तिथि की गणना सूर्य और चंद्रमा की स्थिति के आधार पर की जाती है। हिन्दू पंचाग के अनुसार महीने को चंद्र मास कहा जाता है और एक चंद्रमास में 30 तिथियाँ होती है।
आइए पूर्णिमान्त विक्रम संवत पंचाग के अनुसार जानते है की आज की तिथि क्या है। उत्तर भारत में पूर्णिमान्त विक्रम संवत पंचाग की पालना की जाती हैं यानि महीने का अंत पूर्णिमा से होता है।
आज की तिथि मई 2024 aaj ki tithi kya hai
नीचे दी गई सारणी में मई माह का हिन्दू पंचाग बताया गया है। इस समय हिन्दू पंचाग के अनुसार वैशाख का महिना चल रहा है और 24 मई के बाद ज्येष्ठ का महिना शुरू होगा। इसे देखकर आप आसानी से पता कर सकते हैं की aaj ki tithi kya hai
तारीख | तिथि | वार | हिन्दू माह |
1 मई 2024 | अष्टमी ( कृष्ण पक्ष ) | बुधवार | बैशाख |
2 मई 2024 | नवमी ( कृष्ण पक्ष ) | गुरुवार | बैशाख |
3 मई 2024 | दशमी ( कृष्ण पक्ष ) | शुक्रवार | बैशाख |
4 मई 2024 | एकादशी ( कृष्ण पक्ष ) | शनिवार | बैशाख |
5 मई 2024 | द्वादशी ( कृष्ण पक्ष ) | रविवार | बैशाख |
6 मई 2024 | त्रयोदशी ( कृष्ण पक्ष ) | सोमवार | बैशाख |
7 मई 2024 | चतुर्दशी ( कृष्ण पक्ष ) | मंगलवार | बैशाख |
8 मई 2024 | अमावस्या | बुधवार | बैशाख |
9 मई 2024 | एकम ( शुक्ल पक्ष ) | गुरुवार | वैशाख |
10 मई 2024 | तृतीया ( शुक्ल पक्ष ) | शुक्रवार | वैशाख |
11 मई 2024 | चतुर्थी ( शुक्ल पक्ष ) | शनिवार | वैशाख |
12 मई 2024 | पंचमी ( शुक्ल पक्ष ) | रविवार | वैशाख |
13 मई 2024 | षष्ठी ( शुक्ल पक्ष ) | सोमवार | वैशाख |
14 मई 2024 | सप्तमी ( शुक्ल पक्ष ) | मंगलवार | वैशाख |
15 मई 2024 | अष्टमी ( शुक्ल पक्ष ) | बुधवार | वैशाख |
16 मई 2024 | अष्टमी ( शुक्ल पक्ष ) | गुरुवार | वैशाख |
17 मई 2024 | नवमी ( शुक्ल पक्ष ) | शुक्रवार | वैशाख |
18 मई 2024 | दशमी ( शुक्ल पक्ष ) | शनिवार | वैशाख |
19 मई 2024 | एकादशी ( शुक्ल पक्ष ) | रविवार | वैशाख |
20 मई 2024 | द्वादशी ( शुक्ल पक्ष ) | सोमवार | वैशाख |
21 मई 2024 | त्रयोदशी ( शुक्ल पक्ष ) | मंगलवार | वैशाख |
22 मई 2024 | चतुर्दशी ( शुक्ल पक्ष ) | बुधवार | वैशाख |
23 मई 2024 | पूर्णिमा | गुरुवार | वैशाख |
24 मई 2024 | एकम ( कृष्ण पक्ष ) | शुक्रवार | ज्येष्ठ |
25 मई 2024 | द्वितीया ( कृष्ण पक्ष ) | शनिवार | ज्येष्ठ |
26 मई 2024 | तृतीया ( कृष्ण पक्ष ) | रविवार | ज्येष्ठ |
27 मई 2024 | चतुर्थी ( कृष्ण पक्ष ) | सोमवार | ज्येष्ठ |
28 मई 2024 | पंचमी ( कृष्ण पक्ष ) | मंगलवार | ज्येष्ठ |
29 मई 2024 | षष्टि ( कृष्ण पक्ष ) | बुधवार | ज्येष्ठ |
30 मई 2024 | सप्तमी ( कृष्ण पक्ष ) | गुरुवार | ज्येष्ठ |
31 मई 2024 | अष्टमी ( कृष्ण पक्ष ) | शुक्रवार | ज्येष्ठ |
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अप्रैल में कौन-कौन से त्योहार आते हैं 2024
aaj ki tithi kya hai जानने के बाद आइए जानते हैं इस महीने में कौन कौन से त्योहार आएंगे। मुख्यतः हिन्दू धर्म में मनाए जाने वाले त्योहार नीचे सारणी में दिए गए है। इसे देखकर आप आसानी से पता लगा सकते हैं की मई में कौन-कौन से त्योहार आते हैं।
- 1 मई :- मासिक कालाष्टमी
- 4 मई :- बरुथिनी एकादशी
- 5 मई :- पापमोचिनी एकादशी
- 6 मई :- मासिक शिवरात्रि
- 8 मई :- वैशाख अमावस्या
- 11 मई :- विनायक चतुर्थी
- 12 मई :- शंकराचार्य जयंती, सूरदास जयंती, रामानुजन जयंती
- 14 मई :- गंगा सप्तमी
- 15 मई :- मासिक दुर्गाष्टमी
- 16 मई :-सीता नवमी
- 19 मई : मोहिनी एकादशी
- 20 मई : प्रदोष व्रत
- 23 मई : बुद्ध पूर्णिमा
- 30 मई : कालाष्टमी
हिन्दू पंचाग का परिचय
पंचाग का शाब्दिक अर्थ है पाँच अंगों वाला। प्राचीन भारत से प्रचलित पंचाग के समय की गणना में 5 चीजों को देखा जाता है यानि पंचाग के 5 मूलभूत भाग होते हैं। तिथि ,वार, नक्षत्र , योग , और करण। पंचाग के 15 तिथियाँ, 7 वार, 27 नक्षत्र, 27 योग और 11 करण माने गए है। उतर भारत में विक्रम संवत पर आधारित पंचाग को काम में लिया जाता है। चूंकि यह लेख तिथि के बारे में हैं तो आइए तिथि को विस्तार से पढ़ते हैं।
तिथि की अवधारणा
aaj ki tithi kya hai जानने के बाद आइए थोड़ा तिथि के बारे में जानते हैं। जिस तरह ग्रिगोरियन कैलंडर में एक दिन को तारीख कहते हैं उसी तरह पंचाग में एक दिन तिथि कहलाता है। पंचांग के अनुसार हर महीने को 2 भागों में बाँटा गया हैं, कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। हर माह में 16 प्रकार की तिथियाँ होती हैं। जिनमें 14 तिथियाँ महीने में 2 बार आती हैं, एक बार कृष्ण पक्ष में और एक बार शुक्ल पक्ष में। जबकि 2 तिथियाँ पूर्णिमा और अमावस्या महीने में एक बार आती है। कृष्ण पक्ष का अंतिम दिन अमावस्या और शुक्ल पक्ष का अंतिम दिन पूर्णिमा तिथि होती है।
- जिस तरह ग्रिगोरियन कैलंडर में हर दिन की अवधि निश्चित है की 24 घंटे की एक तारीख होती है। वैसे पंचाग में तिथि की अवधि निश्चित नहीं होती है। तिथि की अवधि चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करती है।
- चंद्रमा को पृथ्वी के चारों और 12 डिग्री घूमने मे जितना समय लगता है उस समय को एक तिथि कहा जाता है। चूंकि चंद्रमा पृथ्वी के चारों और अंडाकार मार्ग में चक्कर लगता है इसलिए पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी घटती बढ़ती रहती है। इसलिए 12 डिग्री घूमने का समय भी बदलता रहता है। चंद्रमा को 12 डिग्री घूमने में लगभग 24 घंटे लगते हैं। सामान्यतया एक तिथि कम से कम 19 घंटे की और अधिक से अधिक 26 घंटे की हो सकती है।
- तिथियों का निर्धारण चंद्रमा की स्थिति के आधार पर होता है। इसलिए कई बार ऐसा भी होता है की कोई तिथि महीने में 3 बार भी आ जाती हैं और कोई तिथि आती ही नहीं यानि तिथि का क्षय हो जाता है। जिस तरह फरवरी के महीने मे अमावस्या तिथि नहीं है।
- सूर्योदय के समय जो तिथि है वही तिथि उस पूरे दिन की तिथि मानी जाती है चाहे वह तिथि सूर्योदय के थोड़े समय बाद ही समाप्त हो जाए।
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क्षय तिथि क्या है
आज की तिथि जानने के बाद आइए अब पढ़ते हैं की क्षय तिथि क्या होती है। आपने कई बार पंचाग के देखा होगा की एक तिथि के बाद अगले दिन सीधा उससे 2 दिन बाद की तिथि आ जाती है और अगली तिथि आती ही नहीं है। जैसे पंचमी के बाद सीधा सप्तमी आना या तृतीय तिथि के बाद सीधा पंचमी आना आदि। यानि बीच में एक तिथि का क्षय हो जाता है। चलिए समझते हैं ऐसा किस कारण से होता है।
यह समझने के लिए हमने ऊपर बताए गए 2 महत्वपूर्ण बिन्दु याद करने होंगे। पहला की तिथि कम से कम 19 घंटे की हो सकती है यानि 24 घंटे से कम की भी होती है। और दूसरा बिन्दु ये की सूर्योदय के समय जो तिथि होती है वही तिथि पूरे दिन मानी जाती है। दोनों बिन्दु याद करने के बाद आइए अब उदारण से समझते हैं की तिथि क्षय कैसे होता है।
मान लीजिए पंचमी तिथि 20 घंटे की है। जो आज सुबह 8:00 AM पर आरंभ होगी और कल सुबह 4:00 AM पर समाप्त होगी। और आज का सूर्योदय सुबह 6:00 AM पर है और कल का सूर्योदय सुबह 6:05 AM पर है। तो ऐसी स्थिति में पंचमी तिथि का क्षय हो जाएगा। क्यूंकी आज सूर्योदय के समय तो चतुर्थी तिथि थी क्यूंकी पंचमी तिथि 8:00 बजे शुरू होगी इसलिए आज पूरे दिन चतुर्थी तिथि होगी। कल सूर्योदय से पहले पंचमी तिथि समाप्त हो जाएगी और सूर्योदय के समय षष्टि तिथि होगी तो कल षष्टि तिथि होगी न की पंचमी तिथि।
एक तिथि लगातार 2 दिन क्यों आती है?
ऊपर हमने पढ़ा की तिथि क्षय क्या होता है आइए अब पढ़ते हैं की एक ही तिथि 2 दिन लगातार कैसे आ जाती है। कई बार आपने पंचाग में देखा होगा की जो तिथि आज है वही कल है यानि एक तिथि 2 दिन लगातार आ रही है। इसका कारण जानने के लिए ऊपर के 2 बिन्दु हमें पुनः याद करने होंगे । पहला की सूर्योदय के समय जो तिथि होती है वही तिथि पूरे दिन मानी जैत है और दूसरा की एक तिथि अधिकतम 26 घंटे की हो सकती है। तो आइए अब उदाहरण लेकर समझते हैं।
मान लीजिए पंचमी तिथि 26 घंटे की है। जो आज सुबह 5:00 AM पर आरंभ होगी और कल सुबह 07:00 AM पर समाप्त होगी। और आज का सूर्योदय सुबह 6:00 AM पर है और कल का सूर्योदय सुबह 6:05 AM पर है। तो ऐसी स्थिति में पंचमी तिथि आज भी होगी और कल भी होगी। क्यूंकी आज सूर्योदय के समय तो पंचमी तिथि थी क्यूंकी पंचमी तिथि 5:00 बजे शुरू हो गई इसलिए आज पूरे दिन पंचमी तिथि होगी। कल सूर्योदय के समय भी पंचमी तिथि होगी क्यूंकी पंचमी तिथि सूर्योदय के बाद 7:00 बजे समाप्त होगी। इस तरह एक तिथि 2 दिन भी आ सकती है और एक तिथि का क्षय भी हो जाता है।
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आइए जानते है इस महीने फरवरी 2024 में कौन कौनसे प्रमुख दिन और त्योहार है।
अन्य महत्वपूर्ण तिथि
इस महीने में एकादशी कब है ?
मार्च 2024 में 2 एकादशी आएगी। 4 मई को वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की ग्यारस /एकादशी ( वरुथिनी एकादशी) है। 19 मई को वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की ग्यारस यानि मोहिनी एकादशी है ।
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इस महीने में पूर्णिमा कब है ?
इस महीने, मई 2024 में पूर्णिमा 23 मई को गुरुवार के दिन है। यह फाल्गुन पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा है।
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इस महीने में अमावस्या कब है ?
इस महीने मई 2024 में 08 मई , बुधवार को अमावस्या तिथि है।
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एक तिथि कितने घंटे की होती है?
जैसा की ऊपर विस्तार से बताया गया है एक तिथि कम से कम 19 घंटे की और अधिक से आधी क 26 घंटे की हो सकती है।
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