गुरुवार के व्रत में पीला भोजन खाया जाता है लेकिन कुछ पीली चीजे हैं जो वर्जित भी हैं । guruwar vrat ka bhojan सात्विक और बिना तला भुना होना चाहिए। किसी व्रत का पुण्य पूरी तरह पाने के लिए यह जरूरी है की हम उस व्रत के पूरे नियमों का पालन करते हुवे पूर्ण विधि विधान से व्रत रखें। गुरुवार के व्रत में भोजन का बहुत महत्व है इसलिए हमें यह जानना बहुत जरूरी है की गुरुवार के व्रत में क्या खाएं और क्या नहीं खाएं ।
बृहस्पतिवार व्रत के भोजन से संबंधित तीन मान्यताएं
हिन्दू धर्म में व्रत करने के तीन तरीके प्रचलित हैं। पहला की आप पूरे दिन अन्न, जल फल आदि कुछ ना खाए। ऐसे व्रत को निर्जला व्रत कहा जाता है। साप्ताहिक व्रत सामान्यतया निर्जला नहीं किया जाता है। दूसरा तरीका है की आप बृहस्पतिवार व्रत में पूरे दिन केवल फल खाएं। इस प्रकार का व्रत सबसे उत्तम माना जाता है। क्यूंकी पूरे समय फल खाने से हमारे शरीर के पाचन तंत्र को आराम मिलता है और हमारे शरीर में एकत्रित extra fat burn होती है।
व्रत करने का तीसरा और सबसे अधिक प्रचलित तरीका है की व्रत मे शाम को केवल एक बार भोजन करें और पूरे दिन फलाहार भी करें। इस व्रत में शाम को पीला भोजन बनाते हैं। तो आइए जानते हैं की गुरुवार के व्रत में शाम को क्या खाना चाहिए? आप कौन कौन से पीले व्यंजन गुरुवार को बना सकते हैं।
guruwar vrat ka bhojan
गुरुवार व्रत के भोजन को हमने तीन भागों में बंता है। पहला सुबह का भोजन, फिर दोपहर का और अंतिम भोजन शाम के पीले पकवान। तो आइए एक एक करके तीनों के बारे में पढ़ते हैं।
गुरुवार व्रत सुबह का भोजन
- चाय कॉफी या फलों का जूस :- सुबह स्नान करके भगवान विष्णु को याद करके ही चाय आदि लेना चाहिए। इसके अलावा चाय नहीं लेना चाहते तो फलों के रस से दिन की शुरुवात कर सकते हैं।
- Dry fruits :- चाय कॉफी आदि पीने के कुछ देर बाद थोड़े dry frtuis खा सकते हैं। व्रत उपवास में dry fruits काफी अच्छा भोजन माना जाता है। इनसे बहुत कम मात्रा से भी बहुत जल्दी और अधिक मात्रा में ऊर्जा मिलती है। दिन में थोड़े थोड़े बादाम, काजू पिस्ता आदि खाते रहे जिससे शरीर को थकान का अनुभव नहीं होगा और भूख भी नहीं लगेगी।
गुरुवार व्रत दोपहर का भोजन
गुरुवार के व्रत में आप क्या क्या बना सकते हैं इसके लिए हमने आपके लिए कुछ recipe ideas बताएं है। याद रखें नीचे बताई गई सारी recipes बनाने की कोई जरूरत नहीं है। आपके पास जो भी सामान उपलब्ध हो उसके अनुसार आप अपना भोजन बना सकते हैं।
- फल :- फल किसी भी व्रत का सबसे अच्छा आहार माना जाता है। इसलिए गुरुवार के व्रत में आप ऋतुफलों का सेवन कर सकते हैं। याद रखें गुरुवार को केला खाना वर्जित है। चूंकि खाली पेट पानी भी हमें अच्छा नहीं लगता इसलिए अगर आप व्रत के दिन पानी भी कम पी रहे हैं तो फल खाने से आपके शरीर की पानी की पूर्ति भी होती रहेगी और फल तुरंत ऊर्जा भी प्रदान करते हैं। दिन में एक या दो बार आप फलों का सेवन कर सकते हैं। आगे हम यह भी पढ़ेंगे की गुरुवार के व्रत में कौन सा फल खा सकते हैं?
- साबूदाना की खिचड़ी/ मखाने/ मूंगफली :- फलों के अलावा साबूदाना, मखाने और भुनी हुई मूंगफली भी व्रत के आप खा सकते हैं। साबूदाने की बिना नमक की पकोड़ी या साबूदाना में मूंगफली मिलाकर भी आप एक healthy और tasty, snack तैयार कर सकते हैं।
- उबले आलू :- आलू ऊर्जा का बहुत अच्छा स्रोत माने जाते हैं। जिनमें कार्बोहाइड्रट की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसलिए व्रत के दिन आप आलू उबाल कर भी खा सकते हैं। इससे आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा मिलेगी।
गुरुवार के व्रत में शाम को क्या खाना चाहिए?
गुरुवार के व्रत में शाम को पीला भोजन बनाया जाता है। तो आइए पढ़ते हैं कौनसे पीले पकवान इस दिन आप आसानी से बना सकते हैं।
- बेसन के पकवान :- इस दिन चने से बनी चीजे बनाई जाती हैं। चने से चने की दाल बनती है और चने को पीस कर बेसन बनता है। इसलिए बेसन का हलवा , बेसन के लड्डू, बेसन की रोटी, उबले चने , बेसन का मीठा चीला , बेसन की पूड़ी , बूंदी ले लड्डू, बेसन की बर्फ़ी, आदि कहा सकते हैं। चने की दाल को भूनकर बिना नमक के खा सकते हैं।
- साबूदाना और तिलगुड़ के लड्डू और गजक का भी सेवन कर सकते हैं। इस दिन खाना देशी घी या मूंगफली के तेल में बनाए । सरसों का तेल इस दिन उपयोग में न लें।
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गुरुवार के व्रत में कौन सा फल खा सकते हैं?
गुरुवार के व्रत में पपीता, आम , तरबूज , खरबूज, संतरा, अंगूर आदि सभी फल खा सकते हैं। बृहस्पतिवार को केवल केला नहीं खाया जाता बाकी सभी फल आप खा सकते हैं। कुछ लोग इस दिन खट्टे फल भी नहीं खाते हैं। केवल पीले और मीठे फल ही खाते हैं। लेकिन सामान्यतया केले के अलावा सभी फल खाये जाते हैं। व्रत में हमे फल जरूर खाने चाहिए क्यूंकी फलों से हमारी body को elctrolytes मिलते हैं और व्रत के लिए जरूरी ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
बृहस्पतिवार के दिन केला क्यों नहीं खाना चाहिए?
धार्मिक मान्यता है की केले के वृक्ष में स्वयं भगवान विष्णु निवास करते हैं। इसलिए गुरुवार को केले के फल का सेवन नहीं करना चाहिए। लेकिन इस दिन केले का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। बृहस्पतिवार को व्रत करने वाला व्यक्ति अगर केले का सेवन ना करके उसका दान करें तो अथाह पुण्य की प्राप्ति होती है।
भगवान विष्णु को चावल क्यों नहीं चढ़ाया जाता है?
लगभग सभी देवी देवताओं के व्रत में अक्षत यानि बिना टूटे हुवे चावल चढ़ाए जाते हैं लेकिन भगवान विष्णु को सामान्यतया चावल नहीं चढ़ाए जाते हैं। लेकिन कुछ लोग भगवान विष्णु को हल्दी मिलकर चावल चढ़ाते हैं। इसलिए भगवान विष्णु को चावल नहीं चढ़ाने से सम्बन्धित दो मान्यताएं है।
भगवान विष्णु को चावल नहीं चढ़ाना :- भगवान विष्णु की पूजा में भोग लगाने की सारी वस्तुएं पीली होती हैं। भगवान विष्णु को पीला रंग अतिप्रिय है इसलिए केवल पीली वस्तुएं भी भगवान विष्णु को भोग में चढ़ाई जानी चाहिए। चूंकि चावल सफेद रंग का होता है इसलिए भगवान विष्णु को नहीं चढ़ाया जाता है।
भगवान विष्णु को हल्दी मिले चावल चढ़ाना :- ऐसा माना जाता है की अगर हल्दी मिले चावल भगवान विष्णु को चढ़ाएं तो हमें कोई दोष नहीं लगता हैं। भगवान विष्णु को पीला रंग ही प्रिय है हल्दी मिलाकर चावल चढ़ा सकते हैं।
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FAQ
क्या गुरुवार के व्रत में हल्दी खा सकते हैं?
नहीं गुरुवार के व्रत में हल्दी नहीं खानी चाहिए। गुरुवार के व्रत में पीला भोजन बनाया जाता है क्यूंकी पीला रंग भगवान विष्णु को अतिप्रिय है। इसलिए व्रत रखने वालों को यह confusion रहता है की क्या गुरुवार के व्रत में हल्दी खा सकते हैं? क्यूंकी हल्दी भी पीली होती है। गुरुवार को भगवान विष्णु को हल्दी चढ़ाई जाती है और हल्दी से उनकी पूजा होती है। जिन देवता को हम जिस चीज का भोग लगाते हैं, उस चीज का हमे उस दिन सेवन नहीं करना चाहिए बल्कि दान करना चाहिए। इसलिए गुरुवार को हल्दी का सेवन न करें बल्कि हल्दी दान करें।
गुरुवार को तिल खाना चाहिए या नहीं
हाँ , आप गुरुवार को तिल खा सकते हैं। तिल और गुड़ के लड्डू, तिल की गजक आदि इस दिन खाये जाते हैं। गुरुवार को तिल और सरसों के तेल से भगवान विष्णु के आगे दीपक नहीं करना चाहिए। गुरुवार को तिल खाना वर्जित नहीं हैं बल्कि तिल के तेल का दीपक जलाना वर्जित है।
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गुरुवार को तेल खाना चाहिए या नहीं
गुरुवार के व्रत में सरसों के तेल में खाना नहीं बनाते हैं , तेल की बजाय देशी घी या मूंगफली का तेल उपयोग में ले सकते हैं। यह भी ध्यान रखें की भगवान विष्णु के आगे सरसों और तिल के तेल का दीपक भी न जलाएं केवल शुद्ध घी से पूजा करें।
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बृहस्पतिवार को खिचड़ी क्यों नहीं बनाना चाहिए?
गुरुवार को पीला भोजन खाया जाता है। मूंग दाल और चावल को मिलकर बनी खिचड़ी भी पीली होती है इसलिए हमें यह confusion रहता है की गुरुवार को खिचड़ी खा सकते हैं क्यूंकी यह पीली होती है। लेकिन गुरुवार को खिचड़ी खाना वर्जित माना गया है। मान्यता है की गुरुवार को खिचड़ी खाने से घर में आर्थिक संकट आते हैं और धन संपदा में कमी आती है। इसलिए गुरुवार के दिन खिचड़ी नहीं कहानी चाहिए।
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