mangalwar vrat udyapan vidhi in hindi – मंगवार व्रत उद्यापन में जरूर लें ये 13 सामग्री

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mangalwar vrat udyapan vidhi in hindi :- व्रत के उद्यापन से मतलब होता है की हमने हमारे द्वारा संकल्प लिए हुए व्रत निर्विघ्न पूर्ण कर लिए हैं। माना जाता है की किसी भी व्रत का फल तभी मिलता है जब हम उसका उद्यापन करते हैं। इसलिए व्रत करने के साथ साथ यह भी जरूरी है की हम उसका उद्यापन भी पूर्ण विधि विधान से करें। आइए जानते हैं मंगलवार व्रत उद्यापन विधि ।

Pinterest :- शुभ मंगलवार जय हनुमान ।


Mangalwar vrat udyapan samagri ( मंगलवार व्रत उद्यापन सामग्री )

Mangalwar vrat udyapan samagri
Mangalwar vrat udyapan samagri

मंगलवार के व्रत के उद्यापन में नीचे दी गई सामग्री जरूर शामिल करें।

  • हनुमानजी , भगवान राम और गणेश जी की फोटो या मूर्ति जो भी आपके पास उपलब्ध हो। गणेश जी की फोटो हमने इसलिए ली है क्यूंकी हर पूजा में गणेश की पूजा सबसे पहले होती है। तीनों देवता अगर एक ही फोटो में है तो आप उस एक फोटो को ही ले सकते हैं , सबकी अलग अलग फोटो लेने के जरूरत नहीं है।
  • धूप, चार मुखों वाला दीपक , गंगाजल , लाल चंदन , रोली ।
  • लाल फूल, लाल वस्त्र, लाल सिंदूर , दीपक के लिए चमेली का तेल।
  • गुड़ ,केले और चूरमे के लड्डू या कोई भी लाल धान से बनी हुई मिठाई।
  • हनुमान चालीसा और सुंदर कांड पुस्तक ।
  • जनेऊ ,अक्षत ( लाल रंग के ), इत्र ।

mangalwar vrat udyapan vidhi in hindi ( मंगलवार व्रत उद्यापन विधि )

मंगलवार के जितने व्रत करने का हमने संकल्प लिया था उतने व्रत पूरे होने के बाद हम मंगलवार के व्रत का उद्यापन करते हैं। अगर आपको पूरे विधि विधान से उद्यापन करना है तो घर पर पंडित जी को बुलाकर आप उद्यापन करें। अगर आप किसी कारण वंश पंडित जी को नहीं बुला पा रहे है और खुद ही व्रत का उद्यापन करना चाहते हैं तो ऊपर बताई गई सामग्री लेने के बाद पूर्ण विधि विधान से ऐसे करें मंगलवार के व्रत का उद्यापन ।

  • सुबह की शुरुवात :- ब्रह्मकाल में उठकर स्नान आदि करके साफ धुले हुए कपड़े पहने। केशरिया या लाल रंग के कपड़े पहने तो बहुत उतम होगा क्यूंकी बजरंग बलि को लाल/ केशरिया रंग प्रिय है।
  • पूजा स्थल स्थापना :- पूजा स्थल पर लकड़ी की एक चौकी स्थापित करें जिस पर हम पूजा का सामान रखेंगे। चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछा दें। अब चौकी पर बजरंग बली, गणेश जी और प्रभु श्रीराम की फोटो की स्थापना करें। किसी भी भगवान की फोटो लेते समय ये ध्यान रखें की हमें भगवान की शांत और सौम्य स्वरूप वाली फोटो ही लेनी चाहिए। क्रोधित मुद्रा वाली फोटो हमें कभी नहीं लेनी चाहिए।
  • पवित्रीकरण :- अब गंगाजल के छींटे देकर चौकी और सारे पूजा के सामान का पवित्रीकरण करें। खुद पर भी गंगाजल के छींटे जरूर दें।
  • दीपक प्रज्वलन :- किसी भी पूजा में सबसे पहले दीपक का प्रज्वलन किया जाता है। दीपक जलाकर हम कामना करते है की हे प्रभु हमारी ये पूजा निर्विघ्न सम्पन्न हो। चमेली के तेल या देशी घी का दीप जलाए। धूप बती करें।
  • गणेश जी पूजा :- किसी की पूजा में सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। इसलिए सबसे पहले गणेश जी विधिवत पूजा करें। गणेश जी को जनेऊ, मौली अर्पित करें और उन्हे इत्र लगाएं।
  • हनुमान जी पूजन :- अब हनुमानजी और श्रीराम की पूजा करें। हनुमान जी को लाल जनेऊ, लाल फूल, लाल अक्षत और लाल वस्त्र अर्पित करें। उन्हे रोली/सिंदूर का तिलक लगाएं। हनुमान जी के चरणों में सिंदूर लगाने की भी परंपरा है।
  • भोग :- हनुमान जो चूरमा सबसे ज्यादा चढ़ाया जाता है। इसलिए आप चुरमें के लड्डू का भोग लगा सकते हैं। अगर आपने चूरमा नहीं बनाया है तो कोई भी मिठाई से भोग लगा सकते है। उद्यापन के बाद यह भोग आपको वितरित करना होगा है। आप मंदिर में जाकर ब्रह्मण पुत्रों को यह भोग वितरित कर सकते हैं या घर में भी बालकों को यह भोग वितरित कर सकते है। साथ में दक्षिणा जरूर दें। मान्यता है की आपने जितने मंगलवार के व्रत किए हैं उतने ही ब्राह्मण के बालकों को इस दिन भोजन कराएं। अगर आपको उतने ब्राह्मण के बालक नहीं मिलते हैं तो अपने मोहले घर परिवार के बालकों को भोजन कर सकते हैं।
  • आरती : – अब गणेश जी आरती करें। उसके बाद हनुमान जी आरती करें। ध्यान रखें हनुमान जी पूजा करते समय प्रभु श्रीराम का ध्यान मन में जरूर करें।
  • हनुमान चालीसा / सुंदर कांड पाठ :- अब आप हनुमान चालीसा या सुंदर कांड पढ़ सकते हैं।
  • व्रत कथा :- अब मंगलवार व्रत कथा सुनने के बाद पूजा सम्पन्न करें।

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मंगलवार व्रत का उद्यापन कब करना चाहिए

आपके द्वारा संकल्प लिए हुए व्रत पूर्ण होने पर आपको अगले मंगलवार को व्रत का उद्यापन करना चाहिए। मान लीजिए आपने 21 मंगलवार व्रत का संकल्प लिया था तो 22 वें मंगलवार को व्रत का उद्यापन करें।

यह भी पढ़ें – मंगलवार व्रत का भोजन ।

मंगलवार का व्रत कितने दिन करना चाहिए?

मान्यता है की मंगलवार का व्रत 21 या 45 मंगलवार रखा जाए तो बहुत शुभ होता है। इसके बाद पूर्ण विधि विधान से मंगलवार के व्रत का उद्यापन करें तो बजरंग बली आपकी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं। व्रत पूर्ण होने के बाद उद्यापन जरूर करना चाहिए वरना व्रत अधूरा माना जाता है और पुण्य नहीं मिलता है।

मंगलवार का व्रत किस महीने से शुरू करें

हनुमान जी का व्रत कब उठाना चाहिए? – मंगलवर का व्रत किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से शुरू किया जा सकता हैं। किसी भी कार्य की शुरुवात के लिए शुक्ल पक्ष शुभ माना जाता है, क्यूंकी शुक्ल पक्ष में चंद्र देव का प्रभाव सबसे ज्यादा होता है। जिससे हमारे काम सिद्ध होते हैं।

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