guruvar vrat ke fayde :- गुरुवार का दिन सृष्टि के रचीयता भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति को समर्पित किया गया हैं। गुरुवार के दिन श्रद्धालु व्रत रखकर भगवान विष्णु से उनका आशीर्वाद मांगते हैं और अपनी मनोकामना पूरी करने की याचना करते हैं। शादी में अड़चने हो या वैवाहिक जीवन की अशान्ति या फिर आर्थिक हानि, गुरुवार का व्रत सब तरह की विपदाएं दूर करने वाला बताया गया है।
guruvar vrat ke fayde गुरुवार व्रत के लाभ
माना जाता है की गुरुवार का व्रत अगर सच्चे मन और श्रद्धा से किया जाते हो भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और हमारी मनोकामना जरूर पूर्ण करते हैं। आइए जानते है गुरुवार व्रत को करने से और भी कौन कौन से लाभ होते हैं।
- विवाह दोष :- गुरुवार का व्रत विवाह दोष वाले व्यक्ति को जरूर करना चाहिए। जिन भी स्त्री पुरुषों के विवाह नहीं हो रहा है या बार बार शादी में अड़चने आ रही हैं वो गुरुवार का व्रत जरूर करें। अगर विवाहित जोड़ों का आपस में तालमेल नहीं बन रहा या वैवाहिक जीवन सुखी नहीं है तो उन्हे भी यह व्रत जरूर रखना चाहिए। संतान सुख की प्राप्ति के लिए भी यह व्रत रखें।
- आर्थिक दोष :- ऐसा माना जाता है की जिस व्यक्ति के आर्थिक रूप से विपदाएं आ रही हैं या कारोबार में नुकसान हो रहा है उन्हे गुरुवार का व्रत जरूर करना चाहिए। गुरुवार का व्रत करने से सभी आर्थिक बाधाएं दूर होती हैं और घर में धन समृद्धि का आगमन होता है।
- गुरु गृह दोष :- बृहस्पतिवार का दिन गुरु बृहस्पति को समर्पित होता है। इसलिए जिनका गुरु गृह कमजोर है उनके लिए गुरुवार का व्रत बहुत फलदायी होता है।
- मान सम्मान में वृद्धि :- गुरुवार का व्रत व्यक्ति के जीवन में मान सम्मान और यश लाता है। समाज में इज्जत बढ़ती है और यश की प्राप्ति होती है।
- दीर्घायु :- गुरु बृहस्पति ही लंबी उम्र के कारक माने जाते हैं । इसलिए ऐसा माना जाता है की गुरुवार का व्रत रखने से आप दीर्घायु होते हो। अतः जिनकी कुंडली में कम उम्र बताई गई है उन्हे गुरुवार का व्रत अवश्य करना चाहिए।
- असफलता से मुक्ति :- जिन्हे बार बार जीवन में असफलता का सामना करना पड़ रहा है गुरुवार का व्रत उनके लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होता है। गुरु जीवन में सफलता के कारक माने जाते हैं । इसलिए जीवन में हर क्षेत्र में असफल व्यक्ति जरूर गुरुवार का व्रत करें। अवश्य सफलता मिलेगी।
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गुरुवार के कितने व्रत करना चाहिए
गुरुवार का व्रत 16 गुरुवार तक रखना बहुत शुभ और फलदायी माना जाता है। 16 बृहस्पतिवार लगातार व्रत रखने के बाद 17 वें गुरुवार को आप पूर्ण विधि विधान से गुरुवार के व्रत का उद्यापन करें। ऐसी मान्यता है की व्रत पूर्ण होने के बाद व्रत का उद्यापन जरूर करना चाहिए वरना व्रत अधूरा माना जाता है। आप गुरुवार का व्रत आजीवन भी रख सकते हैं या फिर 1,3,5,7 या 9 साल तक भी गुरुवार का व्रत रख सकते हैं।
विष्णु भगवान का व्रत कब से शुरू करना चाहिए?
गुरुवार का विष्णु भगवान का व्रत पौष माह से कभी आरंभ नहीं करना चाहिए। पौष के अलावा किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से व्रत आरंभ कर सकते हैं। शुक्ल पक्ष में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है इसलिए शुक्ल पक्ष से शुरुवात किया हुआ व्रत अधिक फलदायी होता है।
गुरुवार के दिन सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं
हाँ, गुरुवार के दिन सिंदूर लगाना चाहिए। कुछ जगह गुरुवार को पीला सिंदूर भी लगाने की भी परंपरा है क्यूंकी पीला रंग भगवान विष्णु को अंत्यन्त प्रिय होता है। लेकिन सिंदूर लगाने की मनाही गुरुवार को नहीं है। अगर अपने गुरुवार का व्रत रखा है तो बाल एक दिन पहले धो ले क्यूंकी गुरुवार को बाल नहीं धोए जाते हैं।
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क्या गुरुवार को पीला सिंदूर लगाना चाहिए?
विविधता में एकता, भारतीय संस्कृति की विशेषता है। इसलिए जगह के हिसाब से कुछ परम्पराएं थोड़ी थोड़ी बदलती जाती है। कुछ जगह गुरुवार को पीला सिंदूर लगाने की परंपरा है क्यूंकी पीला रंग भगवान विष्णु को प्रिय होता है। लेकिन कुछ जगह गुरुवार को लाल सिंदूर ही लगाया जाता है। आप अपने स्थान विशेष के अनुसार लाल या पीला सिंदूर उपयोग में ले सकते हैं।
गुरुवार का व्रत कितने बजे खोलना चाहिए?
गुरुवार का व्रत खोला नहीं जाता है, आपको 24 घंटे में 1 बार अन्न खाने का संकल्प लेकर व्रत करना होता है। गुरुवार के व्रत में दिन में एक बार ही खाना खाया जाता है। गुरुवार के सूर्योदय से लेकर शुक्रवार के सूर्योदय तक आप दिन के किसी भी समय एक बार अन्न गृहण कर सकते है। ध्यान रखें सनातन धर्म में दिन की शुरुवात रात के 12 बजे नहीं होती है बल्कि सूर्योदय के बाद होती है।
गुरुवार का व्रत कौन रख सकता है?
गुरुवार का व्रत स्त्री और पुरुष दोनों रख सकते हैं। ऐसा माना जाता है की गुरुवार का व्रत करने से शादी विवाह में आ रही अड़चने दूर होती हैं। इसलिए जिन स्त्री पुरुषों के विवाह के योग नहीं बन रहे हैं और विवाह की उम्र निकल रही हैं उन्हे गुरुवार का व्रत रखना चाहिए ,भगवान विष्णु उनके विवाह में आने वाली सारी मुश्किलें दूर करेंगे। इसके अलावा जिनका गुरु गृह कमजोर होता है उनके लिए भी गुरुवार का व्रत बहुत फलदायी होता है।
लड़कियां गुरुवार का व्रत क्यों करती हैं?
कुंवारी लड़कियां जिनके विवाह में मुश्किलें आ रही हैं वे गुरुवार का व्रत करती हैं ताकि उन्हे शीघ्र एक सुयोग्य वर की प्राप्ति हो सके। इसके अलावा विवाहित महिलायें अगर यह व्रत रखती हैं तो उनके दाम्पत्य जीवन में सुख और समन्वय बना रहता है और घर में खुशहाली आती है। संतान सुख की प्राप्ति के लिए भी विवाहित दंपति गुरुवार का व्रत रखते हैं।
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