हिन्दू पंचाग के अनुसार जिस रात चाँद बिल्कुल दिखाई नहीं देता है उसे अमावस्या की रात कहते हैं। इस पोस्ट में हम जानेंगे की 2024 mein Amavasya kab hai। भारतीय कलेंडर के अनुसार हर महीने एक पूर्णिमा की तिथि और एक अमावस्या की तिथि आती है। अमावस्या का सनातन धर्म मे धार्मिक महत्व है इसलिए अमावस्या को पिंड दान आदि के लिए बहुत शुभ माना जाता है।
2024 mein Amavasya kab hai की 12 पूर्णिमा की सम्पूर्ण लिस्ट
अगर आप भी अमावस्या की तिथि खोज रहे हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए है। इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे की 2024 mein Amavasya kab hai और किस वार को आएगी।
अमावस्या तिथि | Date | तिथि आरंभ | तिथि समाप्त |
पौष अमावस्या | 11 जनवरी 2024 , गुरुवार | 10 जनवरी रात 08:10 | 11 जनवरी शाम 05:26 |
माघ अमावस्या | 9 फरवरी 2024, शुक्रवार | 9 फरवरी सुबह 08:02 | 10 फरवरी सुबह 04:28 |
फाल्गुन अमावस्या | 10 मार्च 2024, रविवार | 9 मार्च शाम 06:17 | 10 मार्च दोपहर 02:29 |
चैत्र अमावस्या | 8 अप्रैल 2024, सोमवार | 8 अप्रैल प्रात: 03:21 | 8 अप्रैल रात 11:50 |
वैशाख अमावस्या | 7 मई 2024, मंगलवार | 7 मई सुबह 11:40 | 8 मई सुबह 08:51 |
ज्येष्ठ अमावस्या | 6 जून 2024, गुरुवार | 5 जून रात 07:54 | 6 जून शाम 06:07 |
आषाढ़ अमावस्या | 5 जुलाई 2024, शुक्रवार | 5 जुलाई सुबह 04:57 | 6 जुलाई सुबह 04:26 |
श्रावण अमावस्या | 4 अगस्त 2024, रविवार | 3 अगस्त दोपहर 03:50 | 4 अगस्त शाम 04:42 |
भाद्रपद अमावस्या | 2 सितंबर 2024, सोमवार | 2 सितंबर सुबह 05:21 | 3 सितंबर सुबह 07:24 |
आश्विन अमावस्या | 2 अक्टूबर 2024, बुधवार | 1 अक्टूबर रात 09:39 | 2 अक्टूबर रात 12:18 |
कार्तिक अमावस्या | 1 नवंबर 2024, शुक्रवार | 31 अक्टूबर दोपहर 03:52 | 1 नवंबर शाम 06:16 |
मार्गशीर्ष अमावस्या | 1 दिसम्बर 2024, रविवार | 30 नवंबर सुबह 10:29 | 1 दिसंबर सुबह 11:50 |
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हमने ऊपर की पोस्ट में 2024 में आने वाली सारी अमावस्या की तिथि के बारे में पढ़ा। लेकिन अगर आप amavasya 2024 date and time in hindi pdf download करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक से कर सकते हैं।
अमावस्या का महत्व क्या है ?
हिन्दू धर्म में हर तिथि से जुड़ी कुछ धार्मिक मान्यताएं हैं। जैसे एकादशी ,द्वादशी, पूर्णिमा आदि। इसी तरह अमावस्या की तिथि को भी सनातन धर्म में विशेष माना गया है। माना जाता है की इस दिन चंद्रमा का प्रभाव सबसे कम होता है और असुर या तामसिक शक्तियां अपने चरम पर होती हैं। इसलिए इस दिन हमने कोई तामसिक कार्य नहीं करना चाहिए क्यूंकी इन कार्यों को इस दिन स्वतः ही बल मिलता है।
अमावस्या तिथि को हमने चंद्रमा दिखाई नहीं देता इसलिए अमावस्या हमें चंद्र के हमारे जीवन में महत्व को भी बताती है। जिस प्रकार हम किसी वस्तु का महत्व उसके ना होने पर ही जान पाते हैं उसी प्रकार हम अमावस्या को चंद्रमा के हमारे जीवन में महत्व को अनुभव करते हैं।
अमावस्या का दिन हमें हमारे पितरों की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान करने का अवसर प्रदान करता है। महिलायें इस दिन व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना भी करती हैं।
अमावस्या में क्या क्या नहीं करना चाहिए?
हमारे प्राचीन ग्रंथों और पुस्तकों में मावस का बहुत महत्व बताया गया है। साथ ही अमावस्या के दिन हमारा आचरण कैसा होना चाहिए इसका वर्णन भी मिलता है। अमावस्या कब है ? यह जानने के बाद आइए अब जानते हैं की कौन कौन से ऐसे है कार्य जो हमें अमावस्या को कभी नहीं करने चाहिए ।
- बाल और नाखून काटना :- मान्यता है की अमावस को कभी भी नाखून नहीं काटने चाहिए। साथ ही यह भी ध्यान रखें की अमावस को ना ही बाल धोए और ना ही कटवाएं। माना जाता है की ऐसा करने से हमने पितृ दोष लगता है और हमारे पूर्वज नाराज होते हैं।
- शरीर पर तेल ना लगाएं :- अमावस्या को जातक को शरीर के किसी भी अंग पर तेल नहीं लगाना चाहिए। अगर आप चाहें तो मावस को तेल का दान कर सकते हैं।
- गेंहू या गेंहू का आटा ना खरीदें :- माना जाता है की अमावस को गेंहू या गेंहू का आता खरीदने से हमारे पितर नाराज हो जाते हैं। इसलिए इस दिन केवल अन्न का दान करें खरीदें नहीं ।
- माँस मदिरा का सेवन :- अमावस्या को तामसिक पदार्थों का सेवन भी निषेध बताया गया है। तामसिक पदार्थ वो होते हैं जिनका सेवन करने से हमारे शरीर में उत्तेजना पैदा होती है। उत्तेजना में मनुष्य कोई भी कार्य सही या गलत करने का तर्क खो देता है। माँस, मदिरा, प्याज, लहसुन आदि पदार्थों को तामसिक बताया गया है। अतः इनके सेवन से बचना चाहिए।
- झाड़ू नहीं खरीदें :- मान्यता है की अमावस्या को झाड़ू खरीदने से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती है। इसलिए अमावस्या को झाड़ू खरीद कर घर ना लाएं।
- दूसरे के घर भोजन करना :- ऐसा माना जाता है की अमावस को हमें किसी के घर भोजन नहीं करना चाहिए। इसलिए अमावस के दिन इस बात का विशेष ध्यान रखें की किसी के घर भोजन का निमंत्रण स्वीकार ना करें।
- नकारात्मक सोच रखना :- मान्यता है की अमावस को नकारात्मक शक्तियां ज्यादा सक्रिय और प्रभावशाली रहती हैं। इसलिए अगर मनुष्य स्वयं नकारात्मक सोच रखता है तो उस पर ये शक्तियां हावी हो जाती हैं और मनुष्य का पतन होने लगता है। इसलिए अपने जीवन में नकारात्मकता से बचने के लिए अमावस को पूरे दिन सात्विक और सकारात्मक सोच रखें।
अमावस्या के दिन कौन सा कार्य करना चाहिए?
अमावस्या को निम्न कार्य करना शुभ माना जाता है।
- पिंड दान :- अमावस्या को हमें पिंड दान अवश्य करना चाहिए। माना जाता है की अमावस को अन्न दान करने से हमारे पूर्वज पितर प्रसन्न होते हैं।
- सूर्य अरग :- अमावस्या को प्रातःकाल जल्दी उठकर भगवान सूर्य को जल का अर्ग दें।
- भगवान विष्णु की पूजा :- अमावस को भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इसलिए अमावस को विष्णु पूजा जरूर करें।
- उपवास का पालन :- माना जाता है की अमावस को उपवास रखने से भगवान विष्णु और हमारे पितर प्रसन्न होते हैं।
- श्राद्ध और तर्पण :- अमावस को हमें हमारे पितरों का श्राद्ध और तर्पण जरूर करना चाहिए। जिससे हमारे पितरों को शांति प्राप्त होती है।
- पीपल पूजन :- अमावस्या को पीपल के पेड़ की पूजा और परिक्रमा जरूर करनी चाहिए। अपने पितरों का नाम लेकर पीपल के नीचे घी का दीपक जलाएं।
- काले कौओ को भोजन :- अमावस को काले कौओं को भोजन कराने का भी विधान है।
अन्य महत्वपूर्ण तिथि
सोमवती अमावस्या साल में कितनी बार आती है?
सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या सोमवती अमावस्या कहलाती है। वर्ष 2023 में 3 सोमवती अमावस्या थी और 2024 में 2 ही सोमवती अमावस्या आएंगी। जो क्रमशः 8 अप्रैल 2024 ( चैत्र अमावस्या ) को और 2 सितंबर 2024 ( भाद्रपद अमावस्या ) को हैं।। वर्ष में सामान्यतया 2 या 3 ही सोमवती अमावस्या आती हैं।
1 साल में कितनी अमावस्या होती हैं?
1 साल में 12 अमावस्या होती हैं। हर माह में एक अमावस्या और एक पूर्णिमा आती हैं। चूंकि हिन्दू महीने और इंग्लिश महीने एक साथ शुरू और खत्म नहीं होते हैं इसलिए कई बार 12 की जगह 13 आवमस्या भी आ जाती हैं।
शनि अमावस्या 2024 कब है
जब अमावस्या शनिवार को आती हैं तो उसे शनि अमावस्या कहते हैं। 2024 में कोई भी अमावस्या शनिवार को नहीं पड़ रही है इसलिए 224 में एक भी शनि अमावस्या नहीं है।
अमावस्या के दिन किसकी पूजा करनी चाहिए?
अमावस्या के दिन सामान्यतया भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। लेकिन सोमवती अमावस्या को भोलेनाथ की पूजा की जाती हैं क्यूंकी सोमवती अमावस्या सोमवार को आती है जो भगवान शिव का वार है।
कौन सी अमावस्या शुभ है?
हिन्दू धर्म में अमावस्या को पितृ दान के बहुत ही शुभ माना जाता है। माना जाता है की अमावस्या को पिंड दान करने से हमारे पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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